कराची: पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत की एक शीर्ष अदालत ने पुलिस को एक हिंदू लड़की को कल अदालत में पेश करने का आदेश दिया है जिसका उनके परिवार के मुताबिक अपहरण कर लिया गया था और एक मुस्लिम व्यक्ति से जबरन विवाह कराया गया। सतराम दास मेघवर ने अपने वकील भगवानदास द्वारा सिंध उच्च न्यायालय में 16 वर्षीय अपनी बेटी रविता मेघवर के धर्मांतरण और विवाह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मेघवर ने कल अदालत को बताया था कि छह जून को नागरपार्कर शहर के नजदीक उनके गांव से उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया जिसके बाद उनकी बेटी से सैयद नवाज अली शाह ने अवैध रूप से जबरन शादी की। धर्मांतरण के बाद उनकी बेटी का नाम गुलनाज रख दिया गया था। (ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल का टैक्सी चालक गिरफ्तार, जानलेवा हादसे का आरोप)
इस प्रांत के उमरकोट जिले के समारो में यूनियन काउंसिल गुलजार खलील के विवाह पंजीयन कार्यालय में उसी दिन उसकी बेटी का 36 वर्षीय शाह से निकाह हुआ। डॉन के मुताबिक, न्यायमूर्त सिलाउद्दीन पंहवर के नेतृत्व वाली पीठ ने मीरपुर्खास के डीजीपी और थारपाकर के एसएसपी को रविता को 22 जून की अगली सुनवाई के दिन अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। मेघवर ने कहा है कि उनकी बेटी का जन्म 14 जुलाई, 2001 को हुआ था। उनके वकील ने अदालत में दलील दी है कि सिंध बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम, 2003 के तहत 18 साल से कम उम्र में शादी करना दंडनीय अपराध है।
एक सप्ताह पहले इस संबंध में नांगरपार्कर तालुका के दानो दंधाल पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। हालांकि इन सब के बीच, रविता ने अपने समुदाय और नागरिक समाज के लोगों से इस मामले को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है। रविता का कहना है कि वह शाह से शादी करने के बाद संतुष्ट और बिल्कुल खुश है। मेघवर और पीपीपी-एसबी के अन्य कार्यकर्ताओं ने आरोपी नवाज शाह की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रेस क्लब के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।