जेरूसलम: लेबनान की धरती से इस्राइल के सैन्य ठिकानों पर हमला किए जाने के दावे के बीच मध्य पूर्व में हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। माना जा रहा है कि कथित हमले का बदला लेने के लिए इस्राइल बड़े पैमाने पर लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहा है। आपको बता दें कि इस्राइल की सेना ने रविवार को कहा कि लेबनानी चरमपंथियों ने इस्राइली सेना के ठिकानों पर टैंक-रोधी मिसाइल दागे। इस्राइल के सैन्य ठिकानों पर कई सीधे हमले किए गए।
जवाब में गरजीं इस्राइल की तोपें
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्राइल ने भी दक्षिणी लेबनान को निशाना बनाकर तोपों से इस गोलाबारी का करारा जवाब दिया। अचानक टकराव बढ़ने से इस्राइल और लेबनानी चरमपंथी समूह हिज़्बुल्लाह के बीच भीषण लड़ाई की आशंका बढ़ गई है। आपको बता दें कि 2006 में दोनों के बीच एक महीने तक युद्ध चला था। हाल के दिनों की घटनाओं को देखते हुए दोनों के बीच टकराव फिर से बढ़ गई है। लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ-साथ फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के सलाहकार से टेलीफोन पर बातचीत की।
हरीरी ने कहा, मामले में करें हस्तक्षेप
हरीरी ने अमेरिका और फ्रांस के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस संकट की स्थिति में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि इस्राइल सालों से ईरान को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। माना जाता है कि ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह से उसे सबसे ज्यादा खतरा है। रविवार को एक भाषण में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि दोनों के बीच तनाव कम करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो टकराव की संभावना काफी बढ़ जाएगी।