तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी का कहना है कि यदि परमाणु समझौते के तहत उनके हितों को सुरक्षित नहीं रखा गया तो वह इस समझौते से बाहर निकल सकते हैं। ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में बैठक के दौरान रूहानी ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक युकिया अमानो को बताया कि ईरान अंतर्राष्ट्रीय परमाणु संस्था के साथ सहयोग स्तर पर पुनर्विचार कर सकता है। रूहानी ने कहा कि ईरान ने साबित किया है कि उसकी परमाणु गतिविधियां हमेशा शांतिपूर्ण रही हैं। उन्होंने कहा कि ईरान इस समझौते के तहत अपने दायित्वों को लेकर प्रतिबद्ध है और परमाणु स्थलों की IAEA द्वारा नियमित जांच भी होती है।
गौरतलब है कि 2015 में ईरान ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और जर्मनी के साथ एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत ईरान को अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों पर रोक लगानी है बदले में उस पर लगे प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 8 मई को इस समझौते से बाहर निकल गए थे और ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाने की प्रतिबद्धता जताई थी। वहीं, रूहानी ने विएना में हुई इस मीटिंग पहले फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से भी बात की थी और कहा था कि यूरोप द्वारा दिए गए आर्थिक पैकेज से ‘हमारी सभी मांगे पूरी नहीं हो रही।’
रूहानी ने उम्मीद जताई थी कि वार्ता के लिए बुलाई गए एक बैठक में यह मामला सुलझ सकता है। यह बैठक 2015 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलग होने के दो महीने बाद हुई है। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले अन्य देशों- ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन और रूस ने इस समझौते में बने रहने की प्रतिबद्धता जाहिर की है लेकिन अमेरिकी जुर्माने के डर से ईरान से बाहर निकल रही कंपनियों को रोक पाने में असमर्थ प्रतीत हो रहे हैं। एक यूरोपीय राजनयिक ने बताया था कि विएना में होने वाली मंत्री स्तरीय बैठक में आर्थिक उपायों के यूरोपीय पैकेज पर चर्चा होनी है, लेकिन बैठक के बाद रूहानी के बयान से लग रहा है कि वह यूरोपीय पैकेज से खुश नहीं हैं।