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क्या मसूद अज़हर के बहावलपुर दफ्तर पर सच में ताला लग गया?

इमरान के इस धोखे की पोल उस वक्त खुल गई जब पाकिस्तान फौज ने 50 मिनट तक रट्टू तोते की तरह जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसमें जैश या मसूद का नाम तक नहीं था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 23, 2019 12:30 IST
क्या मसूद अज़हर के बहावलपुर दफ्तर पर सच में ताला लग गया?
क्या मसूद अज़हर के बहावलपुर दफ्तर पर सच में ताला लग गया?

नई दिल्ली: पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड और जैश के सरगना मसूद अज़हर के अड्डे पर पाकिस्तानी आर्मी ने कब्ज़ा कर लिया है लेकिन बहावलपुर में पाकिस्तान सरकार और आर्मी के इस कार्रवाई के पीछे अगर कुछ छिपा है तो वो है ड्रामा और झूठ क्योंकि दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान ने आतंकी मसूद अज़हर पर कार्रवाई की है। सच ये है कि जो पाकिस्तान मसूद को अब तक अपने पहलू में छिपाकर रखता रहा, वो उस पर डंडा चलाए ये कैसे मुमकिन है। इंडिया टीवी को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक मसूद अज़हर को पाकिस्तानी सेना ने गुप्त जगह पर छिपा दिया है। मसूद इस वक्त किसी हाइडआउट में आर्मी के साथ सुरक्षित है। रावलपिंडी हॉस्पिटल से निकाल कर मसूद को महफूज़ किया गया है और उसके साथ अब भी पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अफसर हैं।

दरअसल पाकिस्तान के दुलारे मसूद अज़हर के हेडक्वार्टर पर आर्मी इसलिए उतारी गई ताकि पाकिस्तान अपने इस फरेब से दो मकसद हासिल कर ले। पहला, दुनिया के सामने कार्रवाई का ढोल पीट सके और दूसरा मसूद के आतंकी ठिकाने को सुरक्षा दे सके क्योंकि पाकिस्तान को डर है कि भारत बहावलपुर के जैश हेडक्वार्टर पर हमला कर सकता है। पाकिस्तान ने ये पैंतरा अपनी कूटनीतिक नाकामी के बाद बदला और जैश के हेडक्वार्टर को घेरने की चाल चली। पाकिस्तान में ये खबर जानबूझ कर उड़ाई गई कि राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी में जैश हेडक्वार्टर पर कार्रवाई का प्रस्ताव पास हुआ है।

इमरान के इस धोखे की पोल उस वक्त खुल गई जब पाकिस्तान फौज ने 50 मिनट तक रट्टू तोते की तरह जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसमें जैश या मसूद का नाम तक नहीं था। मसूद के इस हेडक्वार्टर में इस वक्त आतंक की तालीम देने वाले 70 मौलाना और दहशत का सबक सीखने वाले 600 स्टूडेंट हैं। 

जब पाकिस्तान पुलिस इस सेंटर पर पहुंची तो उसे वहां एक मौलाना मिला जो पुलिस को सब समझा रहा था कि मदसरे में बच्चों को पढ़ाया जाता है लेकिन सच ये है कि मसूद का ये टेरर सेंटर आतंकी इजाद करने की फैक्ट्री है। साफ है, दुनिया के सामने ये तस्वीरें उसे गुमराह करने के लिए पेश की गई। ये दिखाने के लिए कि पाकिस्तान अब आतंकवाद पर सख्त है लेकिन असलियत ये है कि पाकिस्तान का ये प्रोपगेंडा सरासर झूठ है।

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