लाहौर: मुम्बई हमलों के सरगना एवं जमात-उद-दावा (JUD) चीफ हाफिज सईद और उसके 12 करीबी सहयोगियों को "बहुत जल्द" गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। दरअसल, आतंकवाद को धन मुहैया करने और धन शोधन (मनी लाउंड्रिंग) के कई अपराधों को लेकर एक दिन पहले ही हाफिज और उसके सहयोगियों के खिलाफ पाकिस्तानी अधिकारियों ने कई मामले दर्ज किए थे।
पंजाब (पाकिस्तान) पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने बुधवार को हाफिज सईद समेत जेयूडी के 13 नेताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की। पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोप में ये प्राथमीकियां दर्ज की गई। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता नियाब हैदर नकवी ने कहा, "सीटीडी ने जमात उद दावा के (13) नेताओं और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। चूंकि एफआईआर दर्ज हो गई है, इसलिए संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।"
नकवी से जब यह पूछा गया कि प्राथमिकी में नामजद होने के बाद भी सईद और उसके सहयोगियों को क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया, इस पर उन्होंने कहा कि पहले संदिग्ध के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती है और फिर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है। प्राथमिकी में नामजद सईद और अन्य लोगों को भी आगे गिरफ्तार किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पुलिस ने आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोप में कई प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया है और बाद में उन्हें आतंकवाद रोधी अदालतों द्वारा जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा, "लिहाजा इन संदिग्धों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।"
इमरान खान सरकार के एक सूत्र ने बताया कि सईद फिलहाल लाहौर के जौहर टाउन स्थित अपने घर पर है। पुलिस उसके घर पर छापा मार कर उसे गिरफ्तार करने के लिए सरकार से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही है। सूत्र ने बताया कि सईद को इस हफ्ते गिरफ्तार कर लिए जाने की संभावना है क्योंकि इमरान खान सरकार आतंकवाद को धन मुहैया किए जाने के विषय पर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने की इच्छुक दिख रही है।
पाकिस्तान इस सिलसिले में अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में एफएटीएफ की पिछले साल जून की समयसीमा को पूरा करने में नाकाम रहा था। इसके बाद एफएटीएफ ने इस्लामाबाद को अक्टूबर की समय सीमा दी और इसे पूरा नहीं करने पर कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी थी। कार्रवाई के तहत देश को काली सूची में डाला जा सकता है। पेरिस स्थित वैश्विक संस्था एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को उन देशों की सूची में डाल दिया था, जिनके घरेलू कानून धन शोधन और आतंकवाद को मुहैया होने वाले धन की चुनौतियों से निपटने में कमजोर माने जाते हैं।
हाल ही में, आतंकवाद रोधी अदालत ने जेयूडी और जैश के 12 सदस्यों को आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोप में पांच साल तक की कैद की सजा सुनाई थी। इस बीच, बुधवार को सीटीडी ने कहा कि उसने आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोपों को लेकर सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए हैं। उनके खिलाफ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो अकाट्य हैं।
गौरतलब है कि जेयूडी लश्कर ए तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है, जो 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है। अमेरिका ने लश्कर को जून 2014 में विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था। अमेरिका ने सईद को 2012 से वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है और उसे अदालत के कठघरे तक पहुंचाने में सहायक सूचना देने वाले के लिए एक करोड़ डॉलर के इनाम की भी घोषणा कर रखी है।