इस्लामाबाद: एक तरफ जहां भारत कोरोनावायरस से जूझ रहे चीनी शहरों से अपने नागरिकों को निकालने में व्यस्त है, वहीं पाकिस्तान के लोग अपनी सरकार से लगातार गुहार ही लगा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में घातक कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच शिंजियांग क्षेत्र के एक एयरपोर्ट पर पिछले 4 दिनों से पाकिस्तानी नागरिकों का एक समूह फंसा हुआ है जिसमें करीब 150 लोग हैं। इन्होंने इस्लामाबाद में इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार से उन्हें वहां से निकालने की गुहार लगाई है।
वायरस ले चुका है 250 से ज्यादा जानें
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, फंसे हुए पाकिस्तानी नागरिकों में ज्यादातर छात्र व उनके परिजन हैं और कुछ व्यापारी भी हैं। ये कुछ दिनों से शिंजियांग की राजधानी उरुमकी एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। बता दें कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 250 से अधिक हो गई है जिसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी दूतावास ने उन्हें आश्वासन दिया है।
एयरपोर्ट पर बुरी स्थिति में हैं पाकिस्तानी
ये पाकिस्तानी न तो एयरपोर्ट को छोड़कर बाहर जा सकते हैं क्योंकि उनमें से कई लोगों के वीजा की अवधि समाप्त हो गई है और न ही पाकिस्तान के लिए उड़ान भर सकते हैं क्योंकि इस वायरस के मद्देनजर पाकिस्तान ने चीन आने-जाने वाली सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। खैबर पख्तूनख्वा के सांगला जिले में रहने वाले एक छात्र तारिक रऊफ ने मीडिया को भेजे एक वीडियो संदेश में कहा है कि वे लोग उरुमकी में फंसे हुए हैं क्योंकि उनकी पाकिस्तान जाने वाली उड़ान रद्द कर दी गई है। तारिक चीन में पढ़ाई कर रहे हैं।
पाकिस्तान सरकार से कर रहे हैं अपील
वीडियो में अन्य पाकिस्तानी नागरिकों और बच्चों के साथ मौजूद रऊफ ने कहा कि इनमें से कई लोगों के वीजा की अवधि समाप्त हो गई है और उन्हें एयरपोर्ट के भीतर रहने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक बिना किसी मदद के यहां रह रहे हैं, वे बेंच पर सो रहे हैं और अपने खुद के पैसे खर्च कर भोजन खरीद रहे हैं। रऊफ ने कहा, ‘हम पाकिस्तानी सरकार से हमें यहां से निकालने की अपील कर रहे हैं। यह हमारा संवैधानिक अधिकार है।’
अपने नागरिकों को निकाल रही मोदी सरकार
पीएचडी के छात्र रऊफ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पाकिस्तानी दूतावास ने हवाई अड्डे पर फंसे नागरिकों से संपर्क किया और उन्हें इस बात का आश्वासन दिया कि जब तक चीन से उनकी वापसी नहीं हो जाती तब तक रहने के लिए उन्हें होटल उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ भारत की मोदी सरकार ने वुहान से 324 भारतीयों को एयरलिफ्ट किया है जिनमें से 211 छात्र, 110 नौकरीपेशा और 3 नाबालिग हैं। इसके अलावा भारत अन्य शहरों से भी अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट कर रहा है।