इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाए जाने को लेकर पाकिस्तान की सेना ने आवाज उठाई है। पाकिस्तान की सेना के आधिकारिक ट्विटर हेंडल से प्रेस रिलीज जारी कर कहा गया है कि मुशर्रफ पाकिस्तान की सेना के पूर्व मुखिया और पूर्व राष्ट्रपति रह चुके हैं और उसने 40 साल तक देश की सेवा की है और वह पक्का तौर पर देश का गद्दार नहीं हो सकता। पाक सेना की तरफ से कहा गया है कि मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाए जाने से सेना में रोष है।
पाकिस्तान की सेना की तरफ से कहा गया है कि मुशर्रफ के मामले में सही न्यायिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और इस मामले के लिए विशेष कोर्ट का गठन नहीं किया गया और न ही उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। पाकिस्तान की सेना ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक मुशर्रफ से न्याय किया जाएगा।
पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को लंबे समय से चल रहे देशद्रोह के मामले में मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी सैन्य प्रमुख को देशद्रोही करार देकर मौत की सजा सुनाई गई है। देशद्रोह के मामले में उन्हें दोषी ठहराना उस देश के लिए महत्वपूर्ण क्षण है जहां स्वतंत्र इतिहास में अधिकतर समय तक शक्तिशाली सेना काबिज रही है। मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 1999 में रक्तहीन तख्ता पलट में सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था। वह 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति भी रहे। यह मामला 2007 में संविधान को निलंबित करने और देश में आपातकाल लगाने का है जो दंडनीय अपराध है और इस मामले में उनके खिलाफ 2014 में आरोप तय किए गए थे।