कराची: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने देश में तेजी से बढ़ रहे मदरसों की भूमिका की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इन धार्मिक शिक्षण संस्थानों की पूरी अवधारणा पर फिर से गौर करने की जरूरत है। बाजवा का कहना था कि जिस मकसद के लिए मदरसों को शुरू किया गया था, ये शिक्षण संस्थान वही बुनियादी मकसद खो चुके हैं।
समाचार पत्र ‘द नेशन’ के अनुसार बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में गुरुवार को आयोजित एक युवा सम्मेलन में बाजवा ने कहा, ‘मैं मदरसों के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन हम मदरसों के बुनियादी मकसद को खो चुके हैं।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मदरसों की पूरी अवधारणा पर फिर से गौर करने की जरुरत है।
पाक सेना प्रमुख ने कहा, ‘सभी मदरसों में छात्रों को सिर्फ धार्मिक शिक्षा दी जा रही है और ऐसे में इनमें पढ़ने वाले बच्चे विकास की दौड़ में पीछे छूट जाते हैं।’ दूसरी तरफ, सेना की मीडिया शाखा की ओर से जारी बयान में मदरसों के बारे में की गई उनकी टिप्पणी को स्थान नहीं दिया गया है। बाजवा ने कहा कि सेना एक सरकारी संस्था है जिसका मकसद देश की सेवा करना है।