वॉशिंगटन: जापान के ओसाका में G-20 शिखर सम्मेलन से इतर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच बातचीत के प्रमुख मुद्दे ईरान, 5जी, द्विपक्षीय संबंध, रक्षा और व्यापार रहे। आपको बता दें कि ओसाका आने से पहले ट्रंप ने अमेरिकी उत्पादों पर भारत द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर नाखुशी जाहिर की थी। इससे पहले मोदी, ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच मुलाकात हुई थी। इन तीनों के बीच लगभग 20 मिनट तक बातचीत हुई थी। इस मौके पर ट्रंप ने पीएम मोदी को लोकसभा चुनावों में जीत के लिए बधाई भी दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ बैठक के मुद्दों के बारे में बताते हुए कहा, 'इस मीटिंग में हम 4 मुद्दों पर बात करेंगे, ईरान, 5जी, हमारे द्विपक्षीय संबंध और रक्षा संबंध।' वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'हम काफी अच्छे दोस्त बन गए हैं और हमारे देश कभी इतने करीब नहीं रहे। मैं यह बात पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं। हम रक्षा समेत कई क्षेत्रों में एक साथ काम करेंगे। हम आज व्यापार पर भी बातचीत करेंगे।'
वहीं आम चुनावों में पीएम मोदी की शानदार जीत पर ट्रंप ने कहा, 'आप (आम चुनावों में जीत) डिजर्व करते थे। आपने काफी शानदार काम किया है। मुझे याद है कि जब आप पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तब कई सारे धड़े थे जो एक-दूसरे के साथ लड़ाई में थीं, लेकिन इस बार वे साथ थे। यह आपके और आपकी क्षमता के लिए शानदार उपलब्धि है।'
BRICS देशों की बैठक में उठा आतंकवाद का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स नेताओं की अनौपचारिक बैठक में कहा कि आतंकवाद मानवता के लिये सबसे बड़ा खतरा है जो न सिर्फ बेगुनाहों की हत्या करता है बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और जातिवाद का किसी भी जरिए से समर्थन बंद करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद मानवता के लिये सबसे बड़ा खतरा है। यह सिर्फ निर्दोषों की ही हत्या नहीं करता बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।’
ट्रंप ने चुनावों में जीत के लिए मोदी को दी बधाई
ट्रंप जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात की। आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत के बाद मोदी के साथ उनकी यह पहली बैठक रही। ट्रंप और मोदी की यह बैठक ऐसे समय में काफी अहम मानी जा रही है जब व्यापार और अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबद्धों में एक तरह की कड़वाहट देखने को मिल रही है। अमेरिका द्वारा भारत को तरजीही व्यवस्था से बाहर किये जाने के जवाब में हाल में भारत ने अमेरिका से आयातित 28 वस्तुओं पर शुल्क बढ़ा दिए थे।