इस्लामाबाद: जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के हटने के बाद से कई मौकों पर पाकिस्तान के नेताओं की झल्लाहट और तिलमिलाट देखने को मिलती रही है। भारत द्वारा इसे खुद का आंतरिक मामला कहने के बावजूद पाकिस्तानी नेताओं ने इस मुद्दे पर पिछले कई महीनों में लगातार बयानबाजी की है। ताजा मामला पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से जुड़ा है। इमरान ने अमेरिका स्थित भारतीय महावाणिज्य दूत के इस बयान पर आपत्ति जताई है कि भारत को कश्मीर में 'इस्राइल मॉडल' अपनाना चाहिए और कश्मीरी पंडितों को वहां आबाद करना चाहिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यूयॉर्क में भारतीय महावाणिज्य दूत संदीप चक्रवर्ती ने कश्मीरी हिंदुओं के एक कार्यक्रम में कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात सुधरेंगे और कश्मीरी पंडितों की वहां वापसी होगी। उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीर में 'इस्राइल मॉडल' को अपनाना चाहिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संदीप चक्रवर्ती ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो काम इस्राइली कर सकते हैं, वह हम भारतीय क्यों नहीं कर सकते।’ इस बयान के बाद विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए चक्रवर्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में उनकी टिप्पणी और इस्राइल मुद्दे का हवाला संदर्भ से बाहर देखा गया है।
इमरान ने इस बयान पर बुधवार को अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि 'यह कश्मीर में भारतीय हुकूमत की फासीवादी मानसिकता को दिखा रहा है। कश्मीर की घेराबंदी किए आज सौ से ज्यादा दिन हो चुके हैं। वहां लोगों को गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके मानवाधिकारों को कुचला जा रहा है। लेकिन, दुनिया के ताकतवर देश अपने व्यावसायिक हितों के कारण इसे लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।’ आपको बता दें कश्मीर मुद्दे पर इमरान की तिलमिलाहट कई मौकों पर सामने आ चुकी है। इस मुद्दे पर उन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की कोशिश की थी जिसमें उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी।