बांग्लादेश की एक अदालत ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को 7 साल कैद की सजा सुनाई है। बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार के मुताबिक खालिदा जिया पर भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की सुनवाई के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया। बता दें कि इससे पहले अदालत ने जिया के पुत्र तारिक रहमान को भी उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मामला जिया के पति और देश के दिवंगत राष्ट्रपति जियाउर रहमान के नाम पर स्थापित एक चैरिटेबल ट्रस्ट के धन का गबन करने से जुड़ा है।
जिया (73) पहले ही एक अनाथालय के धन के गबन से जुड़े एक दूसरे मामले में फरवरी में दोषी करार दिए जाने के बाद जेल की सजा काट रही हैं। खालिदा जिया लंबे समय से जेल में बंद हैं, यहां उन्हें लकवे का अटैक भी पड़ चुका है। खालिदा जियो की सजा को बांग्लादेश में विपक्ष का खत्मा भी माना जा रहा है। बांग्लादेश में इसी साल दिसंबर में आम चुनाव होने हैं, जिसमें मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना के फिर कुर्सी संभालने की उम्मीद बढ़ गई है।
नयी सजा जिया चैरिटेबल ट्रस्ट मामले से संबंधित है और दिसंबर में होने वाले आम चुनाव से पहले सुनायी गयी है। मामले के अनुसार जिया और तीन अन्य लोगों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए ट्रस्ट के लिए अज्ञात स्रोतों से 3,75,000 डॉलर जुटाए। न्यायाधीश मोहम्मद अख्तरूज्जमान ने ढाका के नजीमुद्दीन रोड इलाके में स्थित पूर्व केंद्रीय कारागार में बनायी गयी अस्थायी अदालत के परिसर में यह फैसला सुनाया।
जेल अधिकारी पूर्व प्रधानमंत्री को अदालत में पेश करने में बार-बार नाकाम रहे जिसके बाद मामले में आखिरी सुनवाई उनकी अनुपस्थिति में हुई। गौरतलब है कि जिया ने हाल में अदालत में शिकायत की थी कि उनके हाथ और पैर धीरे-धीरे सुन्न पड़ रहे हैं। भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने जिया चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार का मामला 2011 में दायर किया था।
जिया के राजनीतिक मामलों के पूर्व सचिव हारिस चौधरी, उनके पूर्व सहयोगी एवं बीआईडब्ल्यूटीए (बांग्लादेश इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट ऑथिरिटी) के पूर्व कार्यवाहक निदेशक जियाउल इस्लाम मुन्ना और ढाका के पूर्व मेयर सादिक हुसैन खोका के निजी सचिव मोनिरुल इस्लाम खान मामले में दोषी करार दिए गए तीन अन्य लोगों में शामिल हैं। जिया की पार्टी बीएनपी ने कहा कि दोनों मामले राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।