ढाका: बांग्लादेश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेएमबी के पांच आतंकवादियों को 2015 में हुई 66 वर्षीय जापानी व्यक्ति की निर्मम हत्या के मामले में आज मौत की सजा सुनायी गयी। मुस्लिम बहुल इस देश में विदेशियों, हिंदुओं और धर्मनिरपेक्ष या नरमपंथी मुस्लिम सूफियों पर लगातार हमलों की श्रृंखला में यह शुरूआती घटना थी। रंगपुर की विशेष अदालत के न्यायाधीश नोरेश चंद्रा सरकार ने फैसला सुनाते हुये कहा, इन्हें फांसी की सजा दी जाएगी। पांच में से चार दोषियों को भारी संख्या में सुरक्षाबलों के घेरे में अदालत कक्ष में लाया गया।
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न्यायाधीश ने कुनियो होशी की हत्या के मामले में आठ में से दो आरोपियों को बरी कर दिया जबकि एक दोषी फरार है। होशी ने रंगपुर के बाहरी इलाके में ग्रास फार्म स्थापित किया था। जब होशी तीन अक्तूबर 2015 को अपने ग्रास फार्म जा रहे थे तभी मास्क लगाकर मोटरसाइकिल पर आये जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकवादियों ने उस पर कई गोलियां चलाई। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमलों की जिम्मेदारी ली थी लेकिन सरकार ने इसका खंडन करते हुये कहा था कि इस संगठन की बांग्लादेश में कोई मौजूदगी नहीं है हालांकि अधिकारियों ने कहा कि जेएमबी का इस्लामिक स्टेट की विचारधारा के प्रति झुकाव है।
बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों, ब्लॉगरों और विदेशियों पर कई बार वीभत्स हमले किये गये हैं। इनमें से ज्यादातर की एक अलग तरह के छुरे से हत्या की गयी। पहली जुलायी 2016 को ढाका हमले के बाद से देश में आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गयी। ढाका हमले में एक भारतीय समेत 22 लोगों की हत्या कर दी गयी थी।