बीजिंग: दक्षिण चीन सागर के तट पर कुछ दिन पहले एक ईरानी टैंकर के अगले हिस्से में आग लग जाने के बाद अब टैंकर में विस्फोट हो जाने से राहत अभियान पर असर पड़ा है और घटना में लापता हुए 31 लोगों के बचाव अभियान में जुटी बचाव नौकाओं को अपना अभियान रोकना पड़ा। इतना ही नहीं इससे पर्यावरण संबंधी चिंताएं भी उठनी शुरू हो गयी हैं। (ऑस्ट्रेलिया में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा सौर ताप संयंत्र)
शनिवार को ईरान से दक्षिण कोरिया जा रहे तेल टैंकर की हांगकांग में पंजीकृत मालवाहक जहाज से टक्कर हो गयी थी जिसके बाद उसमें आग लग जाने के कारण 30 ईरानी एवं दो बांग्लादेशी नागरिक समेत चालक दल के 32 सदस्य लापता हो गये थे। जहाज पर 136,000 टन कच्चा तेल लदा था। घटना के बाद से पनामा में पंजीकृत टैंकर सांची की आग बुझ नहीं पायी है और यह शंघाई एवं दक्षिण जापान के बीच समुद्र क्षेत्र में ही अटका हुआ है।
टैंकर से अब तक किसी व्यक्ति को जीवित नहीं निकाला गया है और एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। हालांकि चीनी जहाज पर सवार चालक दल के सभी 21 सदस्यों को बचा लिया गया। जहाज के अगले हिस्से में कल विस्फोट हो गया था। चीन के परिवहन मंत्रालय ने कहा, ‘‘घटनास्थल पर मौजूद अन्य जहाजों को आग लगने से बचाना होगा और उन्हें वापस (सुरक्षित दूरी पर) लाना होगा।’’