नई दिल्ली: एक ओर जहां भारत तेल की बढ़ती कीमतों से त्रस्त है, पेट्रोल 90 रूपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है वहीं पाकिस्तान में सिर्फ साढ़े पांच रुपए प्रति लीटर मिलता है क्योंकि पाकिस्तान में पेट्रोल डीजल के डकैतों को हुकूमत की सरपरस्ती हासिल है और ये डकैत ईरान से पेट्रोल-डीजल की स्मगलिंग कर मोटा मुनाफा कमाते हैं जिसका हिस्सा ISI और पाकिस्तानी नेताओं की जेब में जाता है। ईरान से तेल की तस्करी साल 1979 के पूर्व से ही हो रही है।
ईरान के सीस्तान और पाकिस्तान के बलूचिस्तान सूबे का शहर है सरवान जहां ट्रकों से, ड्रम में रख कर खच्चरों की पीठ पर और कुछ न मिले तो पेप्सी की बोतलों में भर कर बच्चों के हाथों तस्करी के तेल को सबसे पहले यहां पहुंचाया जाता है। सीस्तान इलाके में पेट्रोल 5.50 रुपये लीटर बिकता है जहां करीब 35 हजार गाड़ियाों से रोजाना तेल की तस्करी की जाती है। तस्करी के लिए गाड़ियों को खास तरह से डिजाइन किया जाता है।
तस्करी कर लाई जाने वाली तेल की सभी गाड़ियां बलूचिस्तान के सरवान शहर से होकर गुजरती है। ईरान से तस्करी कर लाया गया तेल पाकिस्तान के बेला और उत्थल शहरों में खुलेआम मिनी पेट्रोल पंप पर बेचा जाता है। तस्कर और माफिया खुलेआम लोगों को सस्ते दाम पर तेल बेचने के लिए खींचा-तानी करते हैं। यहां तक कि मंडी की तरह पेट्रोल और डीज़ल का मोल-भाव किया जा सकता है।
पाकिस्तान का रिपोर्टर खुद तस्करी का पेट्रोल और डीजल खरीदता है, बाकायदा पर्ची के साथ। अब स्मगलिंग के इस तेल को कराची पहुंचाना था। उत्थल से कराची की दूरी करीब 125 किलोमीटर है और इस इलाके में पुलिस थाने से लेकर पाकिस्तानी कोस्टगार्ड तक की चौकियां पड़ती हैं। हर चौकी, हर थाने और हर नाके का रेट फिक्स है। जहां से डीजल खरीदा गया था वहीं पर चेक पोस्ट के रेट बता दिए गए थे और हर चेक पोस्ट पर उतनी ही रकम ली गई।
ईरान में तेल की क़ीमत बहुत ही कम रही है, क्योंकि यहां की सरकार अपने लोगों को रियायती दरों पर पेट्रोल मुहैया कराती है। ऐसे में तस्करों को ईरानी तेल काफ़ी आकर्षित करता है जो मुनाफ़े का कारोबार भी है। ईरान सरकार की नीतियों के कारण जब मुल्क की मुद्रा की क़ीमत घटने लगी तो इसने भी तेल तस्करी को बढ़ावा दिया। देखें वीडियो...