तेहरान: यूरोपीय देशों ने ईरान से मंगलवार को अपील की कि वह यूरेनियम संवर्धन बढ़ाने के अपने कदम से पीछे हटे। इस बीच फ्रांस का एक दूत ऐतिहासिक 2015 परमाणु समझौता बचाने का प्रयास करने के लिए तेहरान पहुंच गया है। ईरान और अन्य देशों के बीच हुए समझौते के तहत ईरान को प्रतिबंधों में राहत देने और आर्थिक लाभ देने का वादा किया था। इस समझौते में कहा गया है कि इसके लागू होने के बाद ईरान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग नहीं रखा जाएगा और इसके बदले में ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने थे।
‘हमारा धैर्य जवाब दे चुका है’
लेकिन ईरान ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से समझौते से पीछे हटने के बाद से यूरोपीय देशों ने एक साल से भी अधिक समय तक जो निष्क्रियता दिखाई है, उसे देखकर उसका धैर्य जवाब दे चुका है। यूरोपीय संघ और फ्रांस, जर्मनी एवं ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने एक बयान में कहा कि देशों ने मंगलवार को ईरान से अपील की कि वह समझौते का उल्लंघन नहीं करे। ‘इंटरनेशल अटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) के अनुसार ईरान समझौते के तहत अब तक अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करता आया है लेकिन उसने हाल में दो प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है।
फ्रांस ने अपने दूत को भेजा ईरान
ईरान ने सोमवार को घोषणा की थी कि उसने 2015 के परमाणु समझौते में संवर्धित यूरेनियम के उत्पादन को लेकर तय की गई सीमा का उल्लंघन किया है जिसके बाद फ्रांस ने तनाव कम करने के प्रयासों के तहत अपने एक दूत को ईरान रवाना किया। फ्रांस के शीर्ष राजनयिक सलाहकार एमैनुएल बोन मंगलवार को यहां पहुंचे। उनकी और रियर एडमिरल अली शमखानी की बैठक बुधवार को होनी है।