दुबई: सत्य और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी की 152वीं जयंती के मौके पर संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी दुबई स्थित बुर्ज खलीफा इमारत पर उनकी तस्वीरें प्रदर्शित की गईं। महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए बुर्ज खलीफा पर उनकी तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं। बीते साल महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के मौके पर भी बुर्ज खलीफा पर उनकी तस्वीरें प्रदर्शित की गई थीं। इस बार भी की गई हैं। देखिए तस्वीरें-
गौरतलब है कि भारत के साथ-साथ दुनिया भर में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी गई। संयुक्त राष्ट्र के नेताओं ने शनिवार को विश्व से महात्मा गांधी के शांति, अहिंसा और समानता के सिद्धांत पर चलने का आह्वान किया। इस संबंध में सुयंक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, ‘‘यह संयोग नहीं है कि आज का दिन, दो अक्टूबर, महात्मा गांधी के जन्मदिन के साथ आया है। आज हम इस महान व्यक्ति की विरासत का जश्न भी मनाते हैं, जिन्होंने हमें संदेश दिया कि अन्याय का सामना करते समय भी अहिंसा, शांति को अपनाने में कुछ भी कायरता नहीं है।’’
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने आज अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर विशेष वर्चुअल समारोह का आयोजन किया। शाहिद ने अपने संदेश में कहा कि गांधी ने अपने जीवन में इस सिद्धांत पर जोर दिया कि संघर्ष और हिंसा से अंत में किसी का भला नहीं होता। उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास ने इस बात को साबित किया है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस महान संस्था संयुक्त राष्ट्र की स्थापना विश्व युद्ध की तपिश में झुलसे विश्व की राख से हुई थी।’’
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से महात्मा गांधी के शांति के संदेशों को याद रखने की अपील करने के साथ ही कहा कि दुनिया भर के लड़ाकों को अपने हथियार डाल देने चाहिए और मानवता की दुश्मन कोविड-19 महामारी को हराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि एक-दूसरे को हराने पर। गुतारेस ने आज अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर अपने संदेश में कहा, “यह संयोग नहीं है कि हम महात्मा गांधी के जन्मदिन पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाते हैं। गांधी के लिए, अहिंसा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन, गरिमा और समानता महज शब्द नहीं थे, बल्कि मानवता के मार्गदर्शक थे, बेहतर भविष्य का खाका थे।”
उन्होंने कहा कि अहिंसा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन, गरिमा और समानता, आज के संकट के वक्त में भी समस्याओं से पार पाने का रास्ता दिखाते हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, "दुनियाभर में संघर्ष और जलवायु परिवर्तन, गरीबी और असमानता, अविश्वास और विभाजन, ये सबकुछ कोविड-19 महामारी की छाया में हो रहा है, जो लोगों और अर्थव्यवस्थाओं को समान रूप से तबाह कर रही है।” गुतारेस ने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर, "आइए हम गांधी के शांति के संदेश को याद रखें," “और सभी के लिए एक बेहतर और अधिक शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के काम में उतरें।”
उन्होंने जीवन रक्षक टीके और उपचार मुहैया कराने और महामारी से उबरने के इस लंबे रास्ते में देशों का समर्थन करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया। गुतारेस ने जोर देकर कहा कि आज की चुनौतियों का समाधान "हमारे हाथ में है: वह है एकजुटता। हमें यह पहचानने की जरूरत है, जैसा कि गांधी ने किया था, कि जो हमें एकजुट करता है वह हमें विभाजित करने से कहीं अधिक बड़ा है। यह कि शांति सभी के लिए बेहतर भविष्य का एकमात्र मार्ग प्रदान करती है।"
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि गांधी जहां अमेरिकी प्रकृतिवादी हेनरी डेविड थोरयू जैसे लोगों से प्रभावित थे, वहीं उन्होंने नेल्सन मंडेला और डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसी हस्तियों को प्रभावित किया। अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर वर्चुअल समारोह में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न सहित दुनियाभर के नेताओं से संदेश मिले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सितंबर 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में आयोजित विशेष कार्यक्रम की फुटेज भी आज के कार्यक्रम में चलाई गई।