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चीनी विदेश मंत्री ने कहा, डोकलाम के कारण भारत-चीन संबंधों पर था 'गंभीर' तनाव

चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी किया जिसमें नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक के दौरान वांग ने सुषमा स्वराज से क्या कहा, उसका पूरा विवरण दिया गया है...

Reported by: IANS
Published on: December 12, 2017 21:39 IST
Chinese Foreign Minister Wang Yi and Sushma Swaraj | AP Photo- India TV Hindi
Chinese Foreign Minister Wang Yi and Sushma Swaraj | AP Photo

बीजिंग: भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ अपनी बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि डोकलाम में हुए सैन्य गतिरोध ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में 'गंभीर' तनाव पैदा कर दिया था। चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी किया जिसमें नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक के दौरान वांग ने सुषमा स्वराज से क्या कहा, उसका पूरा विवरण दिया गया है। नई दिल्ली में चीन के नेता रूस, भारत और चीन की त्रिपक्षीय बैठक में भी शामिल हुए थे। 

बयान के मुताबिक, वांग ने यह भी कहा कि हालांकि संकट का शांतिपूर्वक समाधान कर लिया गया था लेकिन इससे एक सबक सीखना चाहिए ताकि यह फिर से न हो। उन्होंने कहा, ‘भारतीय सीमा गार्डो द्वारा सीमापार घुसपैठ के कारण हुई क्रूरता ने द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर दबाव में रखा। इस मामले को अंत में राजनयिक उपायों के माध्यम से शांतिपूर्वक सुलझा लिया गया, जिसने द्विपक्षीय संबंधों की परिपक्वता को दर्शाया। हालांकि, इससे सबक सीखना चाहिए और (यह) फिर से नहीं होना चाहिए। 2017 में, चीन और भारत के बीच संबंधों ने विकास की गति को कुल मिलाकर बनाए रखा है। दोनों पक्षों ने इस संबंध में प्रयास किए हैं, लेकिन यह बहुत संतोषजनक नहीं हैं।’

सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में चीन-भारतीय सीमा पर चीनी सेना द्वारा सड़क के निर्माण के कारण दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक सैन्य गतिरोध चला था। इस इलाके को भूटान अपना बताता है। भारतीय सैनिकों ने डोकलाम की विवादास्पद स्थिति और पूर्वोत्तर में इसे मुख्य रास्ते के निकट स्थित होने का हवाला देते हुए काम को अवरुद्ध किया था। दोनों सेनाओं के पीछे हटने के बाद इस संकट का समाधान 28 अगस्त को हुआ था। डोकलाम संकट के बाद वांग की यह पहली भारत यात्रा थी। बयान में कहा गया है, ‘दोनों देशों के नेताओं ने यह चिह्न्ति किया कि चीन और भारत, दोनों को एक दूसरे को शत्रु समझने के बजाए साझेदार मानना चाहिए।’

वांग ने कहा कि चीन-भारत संबंध एक महत्वपूर्ण दौर में है और उनके बीच सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों को आपस में परस्पर विश्वास पैदा करना चाहिए। दोनों देश आपसी विश्वास के साथ, आपसी समझ के आधार पर विशिष्ट समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘आपसी विश्वास के बिना, समस्याएं आती रहेंगी और द्विपक्षीय संबंधों की समग्र स्थिति को खत्म करना जारी रखेंगी। दोनों पक्षों को सभी स्तरों पर रणनीतिक संचार को मजबूत करना, स्थापित संवाद तंत्र को बहाल करना, विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को गहरा करना, साथ ही मौजूदा मतभेदों को नियंत्रित करना, सीमा क्षेत्रों में शांति और शांति की रक्षा करनी चाहिए। यदि चीन और भारत एक आवाज में बात करेंगे तो दुनिया सुनेगी। मुझे आशा है कि यह दिन जल्द ही आएगा।’

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