लाहौर: मुंबई पर आतंकवादी हमलों के सरगना हाफिज सईद और जेयूडी तथा एफआईएफ के अन्य नेता अब भी समूहों के प्रतिबंधित दफ्तरों का खुले आम धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि पाकिस्तान दोनों संगठनों की संपत्तियां जब्त करने और उनके बैंक खातों के परिचालन पर रोक लगाने का दावा कर रहा है। सरकार ने जमात उद दावा के मुरिदके मरकज और चाबुर्जी में मस्जिद अल कदसिया मुख्यालय को अपने नियंत्रण में ले लिया था। लेकिन हकीकत में ना तो सईद और उसके समर्थकों ने जेयूडी के चाबुर्जी मुख्यालय और ना ही जेयूडी एवं फलाह- ए- इंसानियत फाउंडेशन( एफआईएफ) के मुरिदके और अन्य दफ्तर खाली किए हैं। पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने आज पीटीआई- भाषा को बताया, ‘‘ पिछले महीने के मध्य में सरकार ने जेयूडी के लाहौर मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया। तब से सईद ने लगातार तीन हफ्ते तक वहां बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के बीच जुमे का खुत्बा( प्रवचन) दिया।’’ (व्हाइट हाउस ने कहा, मुक्त और निष्पक्ष व्यापार के पक्ष में हैं ट्रंप )
अधिकारी ने कहा, ‘‘ सरकार बस अल कदसिया पर अपना प्रशासकबि ठा सकती है जबकि जेयूडी के लोग वहां से उसी तरह काम कर रहे हैं जिस तरह वह करते रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि जेयूडी के मुरिदके मुख्यालय पर भी इसी तरह का इंतजाम किया गया है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने फरवरी में आतंकवाद निरोधी अधिनियम, 1997 को संशोधित करते हुए एक अध्यादेश जारी किया था। सरकार ने उसके ही तहत सईद के संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। वित्तीय कार्रवाई कार्यबल( एफएटीएफ) की बैठक की पृष्ठभूमि में भी यह कार्रवाई की गई जिसमें पाकिस्तान को‘ ग्रे लिस्ट’ में डाला गया हे। पिछले हफ्ते पेरिस में आयोजित एफएटीएफ की बैठक में सईद और उसके‘‘ परमार्थ संगठन’’ उन समूहों के शीर्ष पर थे जिनके खिलाफ एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कार्रवाई करने को कहा। पंजाब के कानून मंत्री राना सनाउल्ला खान ने पीटीआई- भाषा से कहा कि डिस्पेंसरियों और स्कूलों जैसी जेयूडी की कल्याणोन्मुखी सुविधाओं के क्रियाकलापों पर निगाह रखने के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी जेयूडी के दफ्तरों पर तैनात किए गए हैं।
खान से जब पूछा गया कि सईद समेत जेयूडी नेतृत्व को लाहौर और मुरिदके स्थित जेयूडी मुख्यालयों को इस्तेमाल करने से क्यों नहीं रोका गया है तो उन्होंने कहा, ‘‘ हमने स्कूलों, डिस्पंसरियों, दफ्तरों और मदरसों समेत जेयूडी एवं एफआईएफ की तमाम सुविधाओं को अपने हाथ में ले लिया है। ये अब सरकार के नियंत्रण में हैं।’’ एक अन्य अधिकारी ने पीटीआई- भाषा को बताया कि सरकार इस चरण में सईद और जेयूडी के अन्य नेताओं को अपने मुख्यालयों को इस्तेमाल करने से नहीं रोकना चाहती क्योंकि इससे उनमें झड़प हो सकती है।