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वुहान की कृषि लैब में चावल-कपास में मिले नए वायरस, पहुंचा सकते हैं गंभीर नुकसान

चीन के वुहान से पैदा हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा है। तमाम देशों की अर्थव्यवस्था तबाह होने के कगार पर पहुंच गई है, तो कहीं लाखों की संख्या में लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : April 08, 2021 16:59 IST
Dangerous viruses found in china, Dangerous viruses in in Wuhan agricultural lab, Wuhan
Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL चीन के वुहान से पैदा हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा है।

वुहान: चीन के वुहान से पैदा हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की नाक में दम कर रखा है। तमाम देशों की अर्थव्यवस्था तबाह होने के कगार पर पहुंच गई है, तो कहीं लाखों की संख्या में लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। अमेरिका जैसी महाशक्ति से लेकर गरीब देश इथियोपिया तक, इस वायरस ने किसी को भी नहीं बख्शा है। वहीं दूसरी तरफ चीन, जहां यह वायरस पैदा हुआ, आज चैन की सांस ले रहा है। इस बीच वैज्ञानिकों की एक टीम ने दावा किया है कि चीन के वुहान में अब भी कई प्रकार के खतरनाक वायरस मौजूद हैं।

‘नए वायरसों का पूरा जखीरा है मौजूद’

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वुहान और चीन के अन्य शहरों में मौजूद कृषि प्रयोगशालाओं के चावल और कपास में ये खतरनाक वायरस मिले हैं। यदि उनका यह दावा सही है तो चीन में दुनिया के लिए एक और नई मुसीबत तैयार हो चुकी है। कृषि प्रयोगशालाओं में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था न होने से इस रिपोर्ट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इन कृषि प्रयोगशालाओं में मौजूद चावल और कपास के जेनेटिक सिक्वेंस डेटा देखकर वैज्ञानिकों ने कहा है कि यहां नए वायरसों का पूरा जखीरा है जो MERS और SARS से जुड़े हुए हैं। वैज्ञानिकों द्वारा की गई यह स्टडी ArXiv नाम के प्रीप्रिंट सर्वर पर प्रकाशित की गई है।

‘इंसानों को पहुंचा सकते हैं बड़ा नुकसान
वैज्ञानिकों ने इन नए वायरसों के खतरे से आगाह करते हुए कहा है कि इनमें इंसानों को नुकसान पहुंचाने की पूरी क्षमता है। उनका दावा है कि यदि सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा गया तो ये नए वायरस दुनिया को बड़ी मुसीबत में डाल सकते हैं। इस स्टडी को हालांकि अभी किसी भी ऐकेडमिक जर्नल या एक्सपर्ट ने मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसे कनाडा, स्पेन और जापान जैसे देशों में काम कर रहे विशेषज्ञों ने जारी किया है। इन वैज्ञानिकों ने 2017 से लेकर 2020 के बीच का जेनेटिक डेटा जमा किया है। इस डेटा में चीन के अलग-अलग राज्यों में पैदा होने वाले धान और कपास की फसलों की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई है।

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