सिंगापुर। सिंगापुर में कोविड-19 के टीके के लिए प्रारंभिक स्तर का क्लीनिकल परीक्षण शुरू हो गया है और अगले सप्ताह ट्रायल में शामिल लोगों को पहला टीका दिया जा सकता है। एक खबर में यह दावा किया गया है। सिंगापुर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले रविवार को 55 हजार के आंकड़े को पार कर गये।
‘स्ट्रेट्स टाइम्स’ की खबर के अनुसार ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल और अमेरिका की फार्मास्युटिकल कंपनी आर्कटरस थेरेपेटिक्स द्वारा विकसित टीके को ‘ल्यूनर-कोव19’ नाम दिया गया है। अनुसंधानकर्ता इस समय उन लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं जिन्होंने ट्रायल में भाग लेने की पेशकश की है। यह अक्टूबर तक चल सकता है।
चीन में कोरोना वैक्सीन की उत्पादन कार्यशाला उपयोग के लिए तैयार
बीजिंग। चीन में कोरोना वैक्सीन की उत्पादन कार्यशाला उपयोग के लिए तैयार है। इससे पहले इसे कोरोना टीके का उत्पादन लाइसेंस मिल चुका है। दुनिया की पहली और सबसे बड़ी कोरोना इनैक्टिवैट वैक्सीन की उत्पादन कार्यशाला इस्तेमाल के लिए तैयार है। चाइना नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप कंपनी लिमिटेड के अधीनस्थ चीनी जैव प्रौद्योगिकी निगम ने 5 अगस्त को घोषणा की कि पेइचिंग स्थित जैविक उत्पाद अनुसंधान संस्थान में स्थित कोरोना इनैक्टिवैट वैक्सीन की उत्पादन कार्यशाला पर राष्ट्र स्तरीय जैव सुरक्षा निरीक्षण पारित हो चुका है।
चीनी जैव प्रौद्योगिकी निगम के दो जैविक उत्पाद अनुसंधान संस्थान पेइचिंग और वुहान में स्थित हैं। दोनों में उच्च स्तरीय जैव सुरक्षा के उत्पादन उपकरण उपलब्ध हैं। पेइचिंग स्थित जैविक उत्पाद अनुसंधान संस्थान ने सिर्फ दो महीनों में उत्पादन कार्यशाला का निर्माण पूरा किया। इन दो अनुसंधान संस्थानों की उत्पादन कार्यशाला को काम में लाने के बाद हर साल 22 करोड़ कोरोना वैक्सीन का उत्पादन होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात परियोजना के प्रमुख माइकल रयान ने कहा कि अब दुनिया में करीब 165 टीकों का परीक्षण किया जा रहा है, 26 टीकों का क्लिनिकल परीक्षण शुरू हो चुका है और 6 टीके तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण में प्रवेश हुए हैं, जिनमें 3 चीन के हैं।
(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)