बीजिंग: चीन में कोरोनावायरस के कहर से 41 लोगों की मौत हो चुकी है और 1287 लोगों के वायरस की चपेट में आने की पुष्टि हुई है। वहीं, इस वायरस ने यूरोप में भी दस्तक दे दी है और फ्रांस में इससे पीड़ित कम से कम 3 लोगों की पहचान हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में भी सैकड़ों लोगों की जांच के बाद 12 लोगों को अस्पतालों में भर्ती किया गया है। भर्ती किए गए मरीजों में से सबसे ज्यादा 7 मरीज केरल में हैं। इसके अलावा मुंबई से 3 और हैदराबाद एवं बेंगलुरु से 1-1 मरीज हैं।
287 मरीजों की हालत गंभीर
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि 1,287 पुष्ट मामलों में से शुक्रवार रात तक 237 लोगों की हालत गंभीर बताई गई थी। उसने बताया कि न्यूमोनिया जैसे इस वायरस के चलते 41 मौतें हो चुकी हैं जिनमें चीन के मध्य हुबेई प्रांत में ही अकेले 39 मौतें हुई हैं और एक मौत उत्तरपूर्वी प्रांत हीलोंगजियांग में हुई है। आयोग ने बताया कि कुल 1,965 संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट है। वुहान और हुबेई में सभी सार्वजनिक यातायात पूरी तरह से बंद हैं।
यूरोप में भी वायरस ने दी दस्तक
यह वायरस गुरुवार तक हांगकांग, मकाऊ, ताइवान, नेपाल, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, वियतनाम और अमेरिका तक फैल गया। जापान ने शुक्रवार को वायरस के दूसरे मामले की पुष्टि की। वहीं, फ्रांस में इस वायरस से संक्रमित तीन मामलों की पुष्टि हुई है। फ्रांस की स्वास्थ्य मंत्री एग्नेस बुजिन ने बताया कि पहला मामला साउथवेस्टर्न सिटी में पाया गया, दूसरा केस पेरिस में मिला जबकि तीसरा शख्स एक पीड़ित का रिश्तेदार है। यूरोप में कोरोनावायरस के ये पहले मामले सामने आए हैं।
वुहान में फंसे गैं 700 भारतीय छात्र
कोरोनावायरस से भारत के लिए चिंता पैदा हो गई है क्योंकि 700 भारतीय छात्र वुहान और हुबेई प्रांत के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं तथा अब भी वहां फंसे हुए हैं। भारतीय दूतावास ने उनसे करीबी संपर्क बनाने के लिए हॉटलाइन्स स्थापित की हैं। तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस से निपटने के लिए चीन ने वुहान में 1,000 बिस्तर वाला अस्पताल बनाना शुरू कर दिया है जिसके 10 दिन से कम समय में तैयार होने की उम्मीद है। चीन की सरकार ने वुहान तथा हुबेई प्रांत के 12 अन्य शहरों में इलाज के लिए सैन्य चिकित्सकों को तैनात करना भी शुरू कर दिया है।
वायरस का इलाज ढूंढ़ रहे अमेरिका और चीन
इस वायरस के प्रकोप के बीच चीन और अमेरिका के शोधकर्ता जानलेवा नए कोरोनावायरस के खिलाफ टीका बनाने पर एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अभी इस वायरस का कोई इलाज नहीं है। इस वायरस के निमोनिया जैसे लक्षण हैं और यह मनुष्यों के बीच संक्रामक रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इतनी अधिक संख्या में मौतों के बावजूद गुरुवार को इस वायरस को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित करने का कदम रोक दिया। (भाषा)