काठमांडू: नेपाल की सरकार ने देश में कोरोना वायरस के संभावित प्रकोप को रोकने के लिए भारत और चीन के साथ लगने वाली अपनी सीमाएं सील कर दी हैं। दोनों देशों के साथ लगने वाली सीमाएं सोमवार से अगले एक सप्ताह तक बंद रहेंगी। दोनों तरफ लोगों की आवाजाही भले ही बंद रहेगी, लेकिन इन देशों से आने वाले सामान पर किसी तरह की रोक नहीं है। बता दें कि चीन में जहां वायरस का प्रकोप लगभग थम चुका है, वहीं भारत में हर दिन नए मामले सामने आते जा रहे हैं। नेपाल में सोमवार तक कुल 2 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण होने की पुष्टि हुई है।
भारत के साथ नेपाल की 1800 किलोमीटर लंबी सीमा
सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री युबा राज खातीवाड़ा ने रविवार की रात कहा, ‘सरकार ने दक्षिणी और उत्तरी सीमाओं दोनों को सील करने का फैसला किया है क्योंकि दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देश कोरोनो वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हैं। सीमा पार से होने वाली आवाजाही के चलते नेपाल में बीमारी फैलने का ज्यादा खतरा है।’ बता दें कि नेपाल और भारत की 1800 किलोमीटर लंबी खुली सीमा कुल 37 मोटरेबल लैंड एंट्री पॉइंट्स हैं, जबकि चीन के साथ इसके 4 एंट्री पॉइंट्स हैं।
भारतीय राजदूत के साथ हुई थी मामले पर चर्चा
भारत और चीन के साथ सीमा को सील करने का सरकार का निर्णय COVID-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में लिया गया है। इससे पहले नेपाल ने 22 मार्च से 31 मार्च तक सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सस्पेंड करने का फैसला किया था। गृह मंत्री राम बहादुर थापा ने रविवार को भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा के साथ सीमा को बंद करने पर चर्चा की, अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने पर सहमति व्यक्त की।
सामने आ चुके हैं कुल 2 मामले, एक हुआ ठीक
बता दें कि नेपाल में अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल 2 मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक पूरी तरह ठीक हो चुका है। ताजा मामला एक छात्रा का है, जो फ्रांस से कतर के रास्ते नेपाल आई थी। यह छात्रा 17 मार्च को नेपाल पहुंची थी और जांच के बाद इसमें कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। वहीं, संक्रमण से ठीक होने वाला मरीज चीन के वुहान में पढ़ाई कर रहा था। वह 24 जनवरी को नेपाल वापस आया था। (PTI इनपुट्स के साथ)