तेहरान: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए संक्षिप्त अवधि के लिए लॉकडाउन रखने के बाद ईरान ने शनिवार को सरकारी कार्यालयों को दोबारा खोलने की शुरुआत कर दी। उल्लेखनीय है कि पश्चिम एशिया में ईरान कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित है और यहां संक्रमण से मरने वालों की संख्या 4,300 से अधिक है। प्रशासन ने चार अप्रैल को पारसी नववर्ष नवरोज की छुट्टियां खत्म होने के बाद सरकारी एजेंसियों और सभी गैर जरूरी कारोबार को एक हफ्ते और बंद रखने का आदेश दिया था। सरकारी मीडिया ने बताया कि राजधानी तेहरान से बाहर स्थित सरकारी कार्यालयों को शनिवार दो तिहाई कर्मचारियों के साथ खोल दिया गया जबकि एक तिहाई कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा गया है। इसके साथ जिन महिलाओं के छोटे बच्चे हैं, उन्हें घर से काम करने में प्राथमिकता दी गई है।
तेहरान से बाहर स्थित कारोबार को भी शनिवार को खोलने की अनुमति दे दी गई। सरकारी मीडिया ने बताया कि तेहरान में कारोबार को अगले शनिवार से खोलने की अनुमति दी जाएगी लेकिन उन्हें प्रशासन के समक्ष पंजीकरण कराना होगा और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार सामाजिक मेल मिलाप से दूरी के दिशानिर्देश का अनुपालन करना होगा। तेहरान में सरकारी कार्यालय भी दो तिहाई कर्मचारियों के साथ खुलेंगे और शेष घर से काम करेंगे। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से और 125 लोगों की मौत के साथ कुल मृतकों की संख्या 4,357 हो गई है।
ईरान में 70 हजार से अधिक लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं जिनमें 40 हजार से अधिक ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि अधिकतर मरीजों में संक्रमण के हल्के लक्षण देखने को मिले और वे कुछ हफ्तों में ही ठीक हो गए लेकिन बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों के शिकार लोगों को गंभीर समस्या हो सकती है और यहां तक कि उनकी मौत हो सकती है। उल्लेखनीय है कि ईरान ने संक्रमण फैलने और कई मौतें होने के बावजूद लॉकडाउन करने से इनकार कर दिया था जबकि ईरान के कई वरिष्ठ अधिकारियों की भी संक्रमण से मौत हुई है। ईरान ने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि आर्थिक नुकसान के मद्देनजर उसने यह फैसला किया क्योंकि परमाणु कार्यक्रम के चलते लगे अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से अर्थव्यवस्था पहले ही बुरे दौर से गुजर रही है। अमेरिका ने कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मानवीय आधार पर मदद की पेशकश की थी लेकिन ईरान ने अमेरिकी प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए प्रतिबंध हटाने की मांग की।