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Pakistan: मौलानाओं ने धार्मिक सभाओं पर प्रतिबंध के खिलाफ सरकार को चेताया

बैठक में कहा गया कि सरकार के नेताओं को धार्मिक कायदों को मानना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए। यह चेतावनी रमजान के पाक महीने के दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने की सरकार की तरफ से किसी तरह की योजना की घोषणा से पहले आ गई है।

Written by: Bhasha
Updated : April 14, 2020 18:05 IST
Pakistan
Image Source : AP Representational Image

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में करीब 50 वरिष्ठ मौलानों के समूह ने कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ सरकार को चेतावनी दी है और कहा है कि अधिकारियों को उलटा धार्मिक नियमों को मानना चाहिए और अल्लाह से माफी मांगने के लिए मस्जिदों में ज्यादा उपासकों को जाने देने की अनुमति देनी चाहिए। सरकार ने घातक कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के अपने उपायों के तहत पांच से अधिक लोगों की प्रार्थना सभा पर प्रतिबंध लगा दिया है। देश में इस जानलेवा वायरस से 5,715 से अधिक लोग संक्रमित हैं।

डॉन न्यूज ने खबर दी कि सामाजिक दूरी बनाए रखने की सरकार की याचिकाओं के बावजूद वकाफुल मदारिस अल अरबिया से जुड़े रावलपिंडी और इस्लामाबाद के करीब 53 वरिष्ठ मौलानों ने जामिया दारुल उलुम जकरिया में सोमवार को बैठक कर प्रार्थना सभाओं पर लगे प्रतिबंध पर चर्चा की। विभिन्न मदरसों, प्रतिबंधित समूहों, प्रतिबंधित व्यक्तियों और राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले मौलाना इस बैठक में शामिल हुए और अधिकारियों को प्रतिबंध के खिलाफ चेतावनी दी।

बैठक में कहा गया कि सरकार के नेताओं को धार्मिक कायदों को मानना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए। यह चेतावनी रमजान के पाक महीने के दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने की सरकार की तरफ से किसी तरह की योजना की घोषणा से पहले आ गई है। रमजान का महीना अप्रैल के अंतिम सप्ताह में शुरू होगा। इस्लामाबाद में जामिया दारुल उलुम जकरिया के अध्यक्ष पीर अजीजुर रहमान हजारवी ने कहा, “मस्जिदों को बंद करना, जुमे की नमाज और तरावीह बंद करना देशवासियों के लिए अस्वीकार्य है।”

जमीयत उलेमा इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के संरक्षक हजारवी ने कहा कि वायरस से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि वे अल्ला से माफी मांगे और मस्जिदों में जमघट बढ़ाए। मौलानाओं द्वारा मंगलवार को जारी वीडियो क्लिप में जेयूआई-एफ, आलमी तंजीम खातम-ए-नबुवत जैसे राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक संगठनों, तालीम उल कुरान राजा बाजार के नेता और प्रतिबंधित समूह अहले सुन्नत वल जमात का एक प्रतिनिधि एक-दूसरे के काफी करीब बैठे नजर आ रहे हैं।

बैठक में मस्जिदों के अंदर सामूहिक नमाज के लिए पांच व्यक्ति से ज्यादा नहीं होने के सरकार के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई गईं। मौलानों ने कहा कि परीक्षा की घड़ी में प्रार्थना के लिए ज्यादा समय दिया जाना चाहिए और घोषणा की कि पांच बार की नमाज के अलावा, शुक्रवार की और तरावीह सभाएं जारी रहेंगी। बहरहाल उन्होंने सैनेटाइजर का इस्तेमाल, कार्पेट एवं दरियां हटाने, फर्श साफ करने, हाथ को साबुन से धोने और सामाजिक दूरी संबंधी एहतियाती उपायों को मानने पर सहमति जताई।

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