बीजिंग: कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहे चीन के हुबेई प्रांत में फंसे भारतीयों के लिए एक अच्छी खबर है। चीन की राजधानी बीजिंग में स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि भारत सरकार जल्द ही एक प्लेन भेजने वाली है, जिससे वुहान या हुबेई में रह रहे भारतीय वापस भारत आ सकते हैं। दूतावास ने ट्वीट किया, ‘चीन को COVID-19 महामारी से लड़ने में मदद के लिए भारत इस सप्ताह के अंत में वुहान के लिए एक रिलीफ फ्लाइट पर चिकित्सा आपूर्ति की खेप भेजेगा। वुहान/हुबेई में रहने वाले ऐसे भारतीय जो वापस आना चाहते हैं वे इस उड़ान से आ सकते हैं। सीटें सीमित संख्या में हैं।’
दूतावास ने जारी किया हॉटलाइन नंबर
दूतावास ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कई भारतीय हैं जो वापस भारत आना चाहते हैं और वे पिछले 2 सप्ताह से बीजिंग में स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। दूतावास ने कहा है कि वे भारतीय नागरिक जो वुहान/हुबेई में हैं और इस फ्लाइट से भारत आना चाहते हैं वे +8618610952903 और +8618612083629 पर 17 फरवरी 2020 को शाम 7 बजे से पहले कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। इसके अलावा शाम 7 बजे तक ही helpdesk.beijing@mea.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं। बता दें कि चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान है।
भारत ने की थी मदद की पेशकश
चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने रविवार को कह था कि घातक कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए भारत अपने स्तर पर चीन के लोगों की हरसंभव मदद करेगा और जल्द ही बीजिंग को चिकित्सा सामग्री की एक खेप भेजेगा। मिस्री ने इस घातक वायरस के खिलाफ चीन के लोगों की लड़ाई में उनके प्रति एकजुटता व्यक्त की थी। मिस्री ने कहा था कि इस वायरस के प्रसार से निपटने के लिए ठोस कदम के रूप में, भारत जल्द ही चिकित्सा सामग्री की एक खेप चीन भेजेगा।
भारत ने प्रतिबंध हटा दी राहत
चीन के आयातकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत ने प्रतिबंधों को हटाते हुए चिकित्सा उपकरणों के आर्डर पूरा करने की मंजूरी दे दी है। चीन ने कहा है कि वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे चिकित्सा कर्मियों के लिए उसे मास्क, दस्ताने और सूट की जरूरत है। पिछले 3 हफ्तों में राष्ट्रव्यापी मांग के चलते चीन में मास्क की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। मिस्री ने कहा, ‘पिछले कुछ हफ्तों से पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप और इससे उत्पन्न जबरदस्त चुनौती की गवाह रही है। हमें उन लोगों और परिवारों की भावनाओं का अहसास है जो इस महामारी से प्रभावित हैं।’