बीजिंग। चीन में प्रशासन ने हुबेई प्रांत से दूर हेबेई में कोरोना वायरस से एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। अब तक इस विषाणु के कारण जितनी भी मौतें हुई हैं वो हुबेई प्रांत में ही हुई थीं। माना जाता है कि हुबेई से ही यह विषाणु अन्य जगहों पर फैला है। बीजिंग से लगे उत्तरी हेबेई प्रांत में स्वास्थ्य आयोग ने एक बयान में कहा कि 22 जनवरी को विषाणु से प्रभावित 80 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गयी । हेबेई प्रांत में मौत के साथ चीन में इस विषाणु के कारण अब तक 18 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है ।
कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए चीन ने कुछ शहरों को सील किया
चीन ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाते हुए बृहस्पतिवार को तीन शहरों को सील कर दिया। अब इन तीनों शहरों में लोगों की बाहर से आने जाने पर रोक लगा दी गई है। चीनी नववर्ष के पहले सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ने के मद्देनजर गाड़ियों, ट्रेनों, विमानों समेत आवागमन के विभिन्न माध्यमों को रोक दिया गया है। इन शहरों में तकरीबन दो करोड़ लोग रहते हैं।
देश में सबसे ज्यादा प्रभावित वुहान के रेलवे स्टेशन पर पुलिस, स्वात टीम और अर्द्धसैन्य कर्मियों को तैनात किया गया है। सुबह में अवरोधक लगाकर प्रवेश को बंद कर दिया गया। सड़कों, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और अन्य स्थानों पर आम तौर पर भीड़ रहती है लेकिन 1.1 करोड़ आबादी वाले इस शहर में बिल्कुल सन्नाटा पसरा है। सारे सार्वजनिक स्थानों को बंद कर दिया गया है । पास के हुगांग और एझाओ में भी यही स्थिति है। मनोरंजन केंद्र, सिनेमाघर, इंटरनेट कैफे और अन्य केंद्रों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है।
हुबेई प्रांत में वुहान और हुंगांग शहरों को बंद कर दिया गया है। इस प्रांत में कई भारतीय भी रहते हैं। ऐसे में भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों की सहायता के लिए हॉटलाइन स्थापित की है। भारतीय दूतावास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि चीनी अधिकारियों ने प्रांत में रह रहे भारतीयों को खाद्य आपूर्ति सहित सभी सहयोग का आश्वासन दिया है। भारत के लिहाज से भी चिंता की वजहें हैं क्योंकि करीब 700 भारतीय छात्र वुहान और आसपास के इलाके में रहते हैं। इन छात्रों में ज्यादातर चीनी विश्वविद्यालयों में चिकित्सा की पढ़ाई करते हैं। विषाणु के प्रसार को रोकने के लिए बीजिंग में प्रशासन ने अनिश्चितकाल के लिए बड़े कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है।
वुहान में सीफूड और पशु बाजार से फैले श्वसन संबंधी इस विषाणु के संक्रमण से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और देश भर में सैकड़ों लोग इससे संक्रमित हैं। मकाऊ के बाद हांगकांग में भी एक मामले की पुष्टि हुई है। हनोई से मिली खबर के मुताबिक, वियतनाम में दो चीनी नागरिकों में वायरस की जांच के परिणाम सकारात्मक आए हैं और उनका अस्पताल में उपचार चल रहा है। हो ची मिन्ह शहर में रहने वाले एक चीनी व्यक्ति को अपने पिता से यह संक्रमण हुआ, जो 13 जनवरी को चीन के शहर वुहान से वियतनाम आए थे।
सिंगापुर में भी पहले मामले की पुष्टि हुई है। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वुहान से आया 66 वर्षीय व्यक्ति संक्रमण की चपेट में आ गया है। यह व्यक्ति अपने परिवार के साथ सोमवार को आया था। फिलहाल, अस्पताल में उसे अलग वार्ड में रखा गया है और उपचार किया जा रहा है। वुहान से आए एक व्यक्ति को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दुबई से मिली जानकारी के अनुसार, दुनिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में शामिल दुबई हवाई अड्डा प्रशासन ने कहा कि वह चीन से आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग करेगा। दुबई के प्रशासन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले साल चीन से 9,89,000 पर्यटक आए थे और इस साल पर्यटकों की संख्या 10 लाख से ज्यादा रहने की संभावना है। पिछले साल 36 लाख चीनी नागरिक इस हवाई अड्डे के जरिए दूसरी जगहों पर गए थे।
चीन ने हुबेई प्रांत में दो और शहरों में राजमार्ग पर टोल प्लाजा को बंद कर दिया है और सार्वजनिक परिवहन को भी बंद कर दिया है। पंद्रह लाख की आबादी वाले शहर जिंटाओ में प्रशासन ने कहा कि हुबेई एक्सप्रेसवे पर 30 टोल प्लाजा को बंद कर दिया गया। चीन ने बीजिंग के फॉरबिडन सिटी को भी बंद करने का फैसला किया है। यह सांस्कृतिक स्थलों का केंद्र है। अगले निर्देश मिलने तक इंपीरियल पैलेस शनिवार तक बंद रहेगा ।
चीन में फैले नए विषाणु के केंद्र में मौजूद 1.1 करोड़ आबादी वाले द्वीप शहर वुहान को प्रशासन की ओर से सील किए जाने के कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्थानीय प्रतिनिधि गौडेन गालिया के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल को हालात का जायजा लेने के लिए भेजा। गालिया के नेतृत्व में पांच सदस्यीय दल ने चीन रोग नियंत्रण केंद्र की स्थानीय जैव सुरक्षा प्रयोगशाला, अस्पतालों और हवाई अड्डों का दौरा किया। इस दौरान गालिया ने स्वास्थ्य कर्मियों, आपदा निरीक्षकों और शहर के अधिकारियों से बातचीत की जिन्होंने बताया कि कैसे प्रशासन पीड़ितों की पहचान करने और रोग को फैलने से रोकने के लिए कदम उठा रहा है।