इस्लामाबाद: बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में पाकिस्तान में आतंकवाद रोधी एक अदालत द्वारा जिस सीनियर पुलिस अधिकारी को 17 साल जेल की सजा सुनाई गई, वह फैसला सुनाने वाले जज के सुरक्षा इंतजामात का प्रमुख था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खुर्रम शहजाद विशेष शाखा के प्रमुख के तौर पर काम कर रहा था और आतंकवाद रोधी अदालत के जज असगर खान की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार था।
खान ने गुरुवार को सजा सुनाते हुए पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया और शहजाद सहित 2 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 17 साल जेल की सजा सुनाई। जज ने रावलपिंडी शहर के पूर्व पुलिस अधिकारी सउद अजीज और शहजाद को 17 साल जेल की सजा सुनाई और 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। रावलपिंडी के उपनगर में स्थित अडियाला जेल में मुकदमे की सुनवाई के कारण जज को सजा सुनाने के लिए रावलपिंडी शहर से जेल आना था, इसलिए अंतिम सुनवाई के बाद उन्होंने बुधवार को फैसला नहीं सुनाया था।
हत्या का आरोपी अल कायदा से जुड़ा एक आतंकी भी जेल में था इसलिए आशंका थी कि आतंकी जेल जाने के रास्ते में जज को निशाना बना सकते थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक पहरेदारी में शहजाद जल्दी जेल पहुंच गए और सुरक्षा तथा मार्ग की सुरक्षा की समीक्षा की गई थी।