चिंगदाओ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पड़ोसी देशों और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के तहत आने वाले क्षेत्रों के बीच बेहतर संपर्क (कनेक्टिविटी) होने को भारत की प्राथमिकता बताया। उन्होंने इस शिखर सम्मेलन के नतीजों पर पूर्ण सहयोग देने की भारत की प्रतिबद्धता को भी जाहिर किया। SCO शिखर सम्मेलन के सीमित सत्र के दौरान मोदी ने ‘ सिक्योर ’ की अवधारणा को भी रखा। इसमें ‘एस’ से आशय नागरिकों के लिए सुरक्षा, ‘ई’ से आर्थिक विकास, ‘सी’ से क्षेत्र में संपर्क (कनेक्टिविटी), ‘यू’ से एकता, ‘आर’ से संप्रभुता और अखंडता का सम्मान और ‘ई’ से पर्यावरण सुरक्षा है। इसके साथ ही पाकिस्तान के आतंक पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए PM मोदी ने अफगानिस्तान को इसका दुखद उदाहरण बताया।
‘पड़ोसियों और SCO क्षेत्र में संपर्क हमारी प्राथमिकता’
मोदी ने कहा, ‘हम एक बार फिर उस पड़ाव पर पहुंच गए है जहां भौतिक और डिजिटल संपर्क भूगोल की परिभाषा बदल रहा है। इसलिए हमारे पड़ोसियों और SCO क्षेत्र में संपर्क हमारी प्राथमिकता है।’ भारत और पाकिस्तान के इस संगठन का पूर्ण सदस्य बनने के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय प्रधानमंत्री इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे हैं। इस संगठन में चीन और रूस का दबदबा है। इस संगठन को नाटो के समकक्ष माना जा रहा है। मोदी ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन का जो भी सफल निष्कर्ष होगा, भारत उसके लिए अपना पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तान पर भी साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों में केवल 6 प्रतिशत SCO के सदस्य देशों से आते हैं और इसे आसानी से दोगुना किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमारी साझा संस्कृतियों के बारे में जागरुकता फैलाकर हम इसे आसानी से बढ़ा सकते हैं। हम भारत में एक SCO फूड फेस्टिवल और बौद्ध महोत्सव का आयोजन करेंगे।’ इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के आतंकवाद पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा। अफगानिस्तान को आतंकवाद के प्रभावों का ‘दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण’ बताते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश में शांति के लिए जो साहसिक कदम उठाए हैं, क्षेत्र में सभी लोग इसका सम्मान करेंगे। उन्होंने इसी क्रम में ईद के मौके पर अफगानी नेता द्वारा संघर्ष विराम की घोषणा का भी उल्लेख किया।
दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है SCO
SCO में अभी 8 सदस्य देश हैं जो दुनिया की करीब 42 प्रतिशत आबादी और वैश्विक GDP के 20 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं। मोदी के अलावा इस शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन भी शामिल हुए हैं। वर्ष 2001 में स्थापित इस संगठन के भारत के अलावा रूस, चीन, किर्गीज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान सदस्य हैं।