येरेवान: आर्मेनिया और अजरबैजान की सीमा पर झड़पों में आर्मेनिया के 3 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई और 2 अन्य कर्मी घायल हो गए। झड़प में अजरबैजान के भी 2 सैन्यकर्मी घायल हो गए। दोनों पूर्व सोवियत देशों के रक्षा मंत्रालयों ने इस बारे में जानकारी देते हुए एक-दूसरे पर झड़प शुरू करने का आरोप लगाया है। अजरबैजान ने आरोप लगाया कि आर्मेनियाई बलों ने सीमा के कलबजार क्षेत्र में उसकी चौकियों पर गोलीबारी की, जबकि आर्मेनिया की सेना ने आरोप लगाया कि अजरबैजान के बलों ने उसके कर्मियों को निशाना बनाया। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर दशकों से विवाद चल रहा है।
दोनों देशों की सीमा पर मई से ही है तनाव
आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा, ‘अजरबैजान जानबूझकर तनाव बढ़ाने की शुरुआत कर रहा है।’ दूसरी ओर, अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘आर्मेनिया और अजरबैजान की सीमा पर फिर से उकसावे की कार्रवाई करके स्थिति को बिगाड़ने की जिम्मेदारी पूरी तरह से आर्मेनिया के सैन्य-राजनीतिक नेतृत्व की है।’ उल्लेखनीय है कि दोनों देशों की सीमा पर मई से तनाव बना हुआ है, जब आर्मेनिया ने अजरबैजान पर उसके क्षेत्र में सैन्य बलों को भेजने का आरोप लगाया था और उसका विरोध किया था। दूसरी ओर, अजरबैजान ने कहा था कि उसने उस क्षेत्र में अपने बलों को तैनात किया, जिसे वह अपना क्षेत्र मानता है और जहां अभी परिसीमन नहीं हुआ है।
6 सप्ताह के युद्ध में गई थीं 6 हजार जानें
सीमा पर बुधवार को हुए संघर्ष के मद्देनजर अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने आर्मेनिया से अपील की कि वह ‘उकसावे की सैन्य कार्रवाई रोके और दोनों देशों की सीमाओं के परिसीमन पर बातचीत शुरू करे।’ आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय ने उसके देश की ‘क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ अजरबैजान द्वारा बल के उपयोग के जवाब में अपने सभी सैन्य-राजनीतिक तरीकों का अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार उपयोग करने का’ संकल्प लिया। पिछले वर्ष आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर 6 सप्ताह तक युद्ध हुआ था, जिसमें 6,000 से अधिक लोगों की मौत हुई। यह युद्ध रूस की मध्यस्थता के बाद समाप्त हुआ था।