बीजिंग। मंगलवार को भारत द्वारा पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमलों को लेकर चीन ने पहली प्रतिक्रिया दी है। चीन ने मंगलवार को भारत और पाकिस्तान से ‘संयम बरतने’ का आह्वान किया और भारत से कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संचालित करे। चीन की यह टिप्पणी पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन जैशे मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर भारतीय लड़ाकू विमानों की ओर से आज तड़के किये गये हमले के कुछ घंटे बाद आई है।
पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर भारत के हवाई हमलों के संबंध में चीन की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने यहां मीडिया से कहा, ‘‘हमने संबंधित खबरें देखी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि भारत और पाकिस्तान दोनों दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण देश हैं। दोनों के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध और सहयोग दोनों देशों के साथ ही दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के भी हित में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत और पाकिस्तान संयम बरतेंगे तथा अपने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए और प्रयास करेंगे।’’ अधिकारियों ने राजधानी दिल्ली में कहा कि भारत ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की और उसे नष्ट कर दिया, जिसमें "बहुत बड़ी संख्या" में आतंकवादी, प्रशिक्षक और बड़े कमांडर मारे गए।
भारत ने इस बात पर बल दिया है कि यह किसी सैन्य ठिकाने नहीं बल्कि आतंकवादी समूहों के प्रशिक्षण शिविरों को लक्षित कर किया गया हमला था ताकि भारत के खिलाफ उनके षड्यंत्रों या योजनाओं को नाकाम किया जा सके। ये आतंकवादी समूह भारत के खिलाफ हिंसक गतिविधियां चलाने में लगे हुए थे। इस दावे पर लू ने कहा, ‘‘जहां तक भारत के आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के दावे का सवाल है, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई एक वैश्विक चलन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें जरूरी अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है। भारत को इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अनुकूल स्थिति बनाने की जरूरत है।’’ एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले पर बात की है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘फोन कॉल के दौरान वांग ने मुद्दों पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री की बात और प्रस्तावों को ध्यानपूर्वक सुना और अपना यह विचार दोहराया कि दोनों पक्षों को क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए आतंकवाद से मुकाबले में अपना सहयोग आगे बढ़ाने की जरूरत है।’’
लू की यह टिप्पणी रूस, भारत और चीन (आरआईसी) विदेश मंत्रियों की चीन के वुझेन शहर में बुधवार को होने वाली बैठक से पहले आयी है जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हिस्सा लेने का कार्यक्रम है। वांग और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ सुषमा की होने वाली इस बैठक में पुलवामा आतंकवादी हमला और आतंकवादी शिविरों पर भारत के हवाई हमले का मुद्दा उठने की उम्मीद है। इसके साथ ही इस बैठक में जैशे मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति में सूचीबद्ध किये जाने का मुद्दा भी उठने की उम्मीद है।