बीजिंग: चीन में नौसेना की परेड के दौरान एक बेहद ही हैरान कर देने वाली बात सामने आई है। इस परेड में भारत सहित 13 देशों के जहाजों ने हिस्सा लिया, लेकिन चीन के करीबी मित्र पाकिस्तान का एक भी जहाज नहीं दिखाई दिया। इस मसले पर बात करते हुए चीनी सेना ने गुरुवार को कहा कि वह अपने भारतीय और पाकिस्तानी समकक्षों को हमेशा महत्व देती है और संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिये और प्रयास करने के लिए तैयार है। हालांकि चीनी नौसेना की 70वीं जयंती के मौके पर आयोजित इस परेड के दौरान पाकिस्तानी जहाजों की गैरमौजूदगी पर उसने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा।
आपको बता दें की इस मौके पर 2 भारतीय युद्धपोतों, INS कोलकाता और INS शक्ति ने क्विंगदाओ में 23 अप्रैल को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में हुई परेड में हिस्सा लिया था। INS कोलकाता देश में बना सबसे बड़ा विध्वंसक पोत है। हालांकि जिस चीज ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा वह थी इस परेड में पाकिस्तानी नौसेना के जहाजों की गैरमौजूदगी। चीनी नौसेना के इस बेहद खास मौके पर पाकिस्तानी नौसेना हाल में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत-पाक संबंधों में आए तनाव की वजह से अपने पोत नहीं भेज सकी। पाकिस्तानी नौसेना के प्रमुख एडमिरल जफर महमूद अब्बासी की अध्यक्षता में हालांकि एक प्रतिनिधिमंडल ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल रेन गोक्वियांग से जब पूछा गया कि वह भारतीय नौसेना के पोतों की सहभागिता को कैसे देखते हैं तो उन्होंने मीडिया को बताया कि 60 से ज्यादा देशों ने अपने नौसैनिक प्रतिनिधिमंडल भेज और 13 देशों ने इस परेड में हिस्सा लेने के लिए अपने जहाज भेजे हैं। उन्होंने कहा, ‘चीन हमेशा ही चीन-भारत और चीन-पाकिस्तान के साथ सेना से सेना के संबंधों को महत्व देता है। हम दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों और विनिमयों को आगे ले जाने के लिए और प्रयास करने को तैयार हैं।’