Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. चीनी मीडिया का दुस्साहस, अरूणाचल को बताया भारत का गुलाम प्रदेश

चीनी मीडिया का दुस्साहस, अरूणाचल को बताया भारत का गुलाम प्रदेश

सरकारी चाइना डेली ने दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश का दौरा करने की अनुमति देने पर भारत की आलोचना करते हुए आज दावा किया कि अरूणाचल के लोग भारत के गैरकानूनी शासन तले कठिन परिस्थितियों में जीवन जी रहे हैं और चीन लौटने के इंतजार में हैं।

India TV News Desk
Published on: April 12, 2017 16:09 IST
Chinese media audacity told Arunachal, India slave territory- India TV Hindi
Chinese media audacity told Arunachal, India slave territory

बीजिंग: सरकारी चाइना डेली ने दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश का दौरा करने की अनुमति देने पर भारत की आलोचना करते हुए आज दावा किया कि अरूणाचल के लोग भारत के गैरकानूनी शासन तले कठिन परिस्थितियों में जीवन जी रहे हैं और चीन लौटने के इंतजार में हैं। चीन दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश का दौरा करने देने के विरोध में है, खासकर उनके तवांग जाने देने के खिलाफ है। तवांग को वह दक्षिणी तिब्बत मानता है। चीन के मीडिया और विदेश मंत्रालय ने तिब्बत के बौद्ध धर्मगुरू के अरूणाचल प्रदेश में जारी दौरे पर बार-बार विरोध जताया है।

चाइना डेली ने उकसावापूर्ण आलेख में कहा, भारत के गैरकानूनी शासन तले दक्षिणी तिब्बत के रहवासी मुश्किल जीवन जी रहे हैं, उन्हें विभिन्न तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ता है और वह चीन लौटने की प्रतीक्षा में हैं। बहरहाल, इस आलेख में तिब्बत में समय-समय पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों की मीडिया रिपोर्टों को दरकिनारे कर दिया गया। गौरतलब है कि 120 से ज्यादा तिब्बतवासी चीन के कम्युनिस्ट शासन के विरोध में आत्मदाह कर चुके हैं।

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित 81 वर्षीय दलाई लामा के बारे में आलेख में कहा गया कि दलाई लामा का दौरा यह दिखाता है कि अपने अलगाववादी समूह के वजूद के लिए भारत के समर्थन के बदले तवांग जिला देने को बेताब जो छठे दलाई लामा की जन्मस्थली और तिब्बती बौद्ध धर्म का केंद्र है। इसमें कहा गया, 14वें दलाई लामा की एक पहचान इतिहास में अगली तमाम पीढि़यों के लिए दर्ज रखेगा कि वह समस्या खड़ी करने वाले व्यक्ति हैं।

आलेख में कहा गया कि दलाई लामा का दौरा खुद से, जनता से, देश से, साथ ही क्षेत्रीय शांति से विश्वासघात का सबूत है। आलेख में कहा गया, अपने जीवनयापन के लिए भारत पर निर्भर दलाई लामा की अपने मालिक को खुश करने की बेताबी समझ में आती है, लेकिन अपने आका की हिमायत के एवज में दक्षिणी तिब्बत को बेच कर वह बहुत आगे चले गए हैं। आलेख में कहा गया कि दलाई लामा ने हाल के वर्षों में सार्वजनिक तौर पर 20 से भी ज्यादा बार खुद को भारत का बेटा बताया है। भारत और चीन सीमा विवाद सुलझाने के लिए 20 साल से ज्यादा अर्से से बातचीत कर रहे हैं लेकिन अभी कोई समझौता नहीं हो सका है।

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement