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WHO को नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्‍कार तो भड़क उठा चीनी मीडिया

कोरोना वायरस महामारी के दौरान चीन के इशारे पर काम करने के आरोपों से घिरे विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) को नोबेल शांति पुरस्‍कार नहीं मिला। यह बात चीनी मीडिया को हजम नहीं हो रही है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 11, 2020 8:51 IST
WHO को नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्‍कार तो भड़क उठा चीनी मीडिया- India TV Hindi
Image Source : TWITTER WHO को नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्‍कार तो भड़क उठा चीनी मीडिया

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के दौरान चीन के इशारे पर काम करने के आरोपों से घिरे विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) को नोबेल शांति पुरस्‍कार नहीं मिला। यह बात चीनी मीडिया को हजम नहीं हो रही है। WHO को नोबेल शांति पुरस्‍कार नहीं मिलने पर चीनी मीडिया भड़क उठा है। चीन के प्रोपगेंडा अखबरा ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने तो नोबेल शांति पुरस्‍कार को ही बेकार बताकर उसे बंद किए जाने की बात कही है।

हू शिजिन ने ट्वीट में लिखा, "नोबेल कमिटी के अंदर इतना साहस नहीं है कि वह WHO को पुरस्‍कार दे क्‍योंकि इससे अमेरिका नाराज हो जाएगा। नोबेल पुरस्‍कार को बहुत पहले ही रद्द कर देना चाहिए था। यह पश्चिमी और अमेरिका के बडे़ लोगों की दलाली के अलावा कुछ नहीं करता। इससे कई बार बनावटी संतुलन बनाने का प्रयास होता है।" यहां गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान  WHO पर चीन के इशारों पर काम करने के आरोप लगे हैं।

दुनिया भर में युद्धग्रस्त और मुश्किल इलाकों में भूखमरी से लड़ने के प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूईपी) को शांति नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की शुक्रवार को घोषणा की गई। कोरोना वायरस की महामारी में यात्रा पाबंदियों के बावजूद दक्षिण सूडान में विमान से खाद्य सामग्री गिराने से लेकर आपात आपूर्ति व्यवस्था सेवा बनाने जैसे कार्यों को कर दुनिया के सबसे खतरनाक और संकटग्रस्त इलाकों तक पहुंचने में रोम से संचालित डब्ल्यूइपी को महारत हासिल है। 

विश्व खाद्य कार्यक्रम ने गत वर्ष 88 देशों के करीब 10 करोड़ लोगों को सहायता पहुंचाई थी। ओस्लो में नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरिट रीस एंडरसन ने नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा था, ‘‘इस साल के सम्मान के साथ (समिति की) इच्छा दुनिया का ध्यान उन लाखों लोगों की ओर आकर्षित कराने की है जो भूखमरी के शिकार हैं या जो इसके खतरे का सामना कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विश्व खाद्य कार्यक्रम ने खाद्य सुरक्षा को शांति की कुंजी बनाने के लिए बहुस्तरीय सहयोग में अहम भूमिका निभाई है।’’

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