बीजिंग: चीन में प्रारंभ में कोरोना वायरस के मामलों का पता लगाने वाले एक चीनी डॉक्टर ने स्थानीय प्रशासन पर उसके केंद्र वुहान में इस महामारी की प्रारंभिक स्तर पर लीपापोती करने का आरोप लगाया और कहा कि जब वे जांच के लिए गये तब सबूत पहले ही नष्ट कर दिया गया था। बीबीसी से बातचीत में डॉक्टर ने कहा कि वे मानते हैं कि कोरोना शुरू होने पर स्थानीय अधिकारियों ने इस बीमारी के पैमाने को छिपाया।
हांगकांग के सूक्ष्मजीवविज्ञान एवं चिकित्सक प्रोफेसर क्वोक-यंग युएन ने बीबीसी से कहा कि हुनान के वन्यजीव बाजार में सबूत नष्ट कर दिया गया और चिकित्सकीय निष्कर्ष के प्रति जवाबी कार्रवाई बहुत धीमी थी। युएन ने चीनी शहर वुहान में कोविड-19 महामारी के फैलने की जांच में मदद की थी।
प्रोफेसर ने कहा कि वुहान के वन्यजीव बाजार को चूंकि साफ कर दिया गया था, हम किसी भी ऐसी चीज की पहचान नहीं कर सके जिससे वायरस इंसानों में फैला हो। क्वोक युंग युएन ने कहा, 'मुझे भी संदेह है कि वुहान में मामले को छिपाने के लिए उन लोगों ने कुछ किया।'
ये भी पढ़ें
कश्मीर के अलगाववादी नेता को पाकिस्तान ने दिया सर्वोच्च नागरिक सम्मान, लंबे वक्त से है घर में नजरबंद
क्या हम कोरोना के स्टेज 3 पर हैं? जानिए वरिष्ठ चिकित्सक ने क्या कहा
कोरोना काल में आया परमाणु हथियारों को लेकर किम जोंग उन का बड़ा बयान
पायलट गुट के विधायक का बड़ा बयान, कहा- संपर्क में हैं गहलोत खेमे के 15 विधायक
उन्होंने कहा, "जिन स्थानीय अधिकारियों को तत्काल सूचना आगे भेजवानी थी, उन्होंने उसे उतनी तत्परता से ऐसा होने नहीं दिया जितनी तत्परता से होनी चाहिए।" कोरोना वायरस पिछले साल दिसंबर में वुहान के हुनान वन्यजीव बाजार से फैला था और अब वह दुनियाभर में 1.6 करोड़ लोगों को संक्रमित कर चुका है।
गौरतलब है कि चीन पर डॉ ली वेनलियांग और अन्य ऐसे लोगों को सताने का आरोप है जिन्होंने इस जानलेवा वायरस के बारे में चिकित्साकर्मियों को चेतावनी देन का प्रयास किया। पिछले साल दिसंबर में ली पहले एसे व्यक्ति थे जिन्होंने इस वायरस के बारे में रिपोर्ट किया था। वह संक्रमित होकर फरवरी में मर गये।