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चीनी कंपनी की कोरोना वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल पाकिस्तान में हुआ शुरू

चीन की कंपनी कैनसिनो बायोलॉजिक्स द्वारा डिवेलप की जा रही कोरोना वायरस की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पाकिस्तान में शुरू हो चुका है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 22, 2020 18:48 IST
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Image Source : AP REPRESENTATIONAL चीन की कंपनी कैनसिनो बायोलॉजिक्स द्वारा डिवेलप की जा रही कोरोना वायरस की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पाकिस्तान में शुरू हो चुका है।

बीजिंग: चीन की कंपनी कैनसिनो बायोलॉजिक्स द्वारा डिवेलप की जा रही कोरोना वायरस की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पाकिस्तान में शुरू हो चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में इस वैक्सीन का ट्रायल मंगलवार को शुरू हुआ। बता दें कि चीन में इस समय कई वैक्सीन पर ट्रायल हो रहा है जिनमें से 4 तीसरे चरण में हैं। बता दें कि पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति भी चीन के ही वुहान नाम के शहर में हुई थी। तबसे लेकर आज तक चीन पर वायरस से जुड़ी तमाम जानकारियों को छिपाने के आरोप लगते रहे हैं।

चीन के नेजल स्प्रे टीके को भी मिली टेस्टिंग की मंजूरी

पाकिस्तान में ट्रायल के लिए गए टीके के अलावा भी कई अन्य टीकों पर चीन में काम चल रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले चीन ने नोवेल कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपने पहले नेजल स्प्रे टीके के परीक्षण की भी मंजूरी दी थी। कोरोना वायरस के खिलाफ चीन की एकमात्र नेजल स्प्रे वैक्सीन का पहले चरण का परीक्षण नवंबर में शुरू हो सकता है और इसमें 100 प्रतिभागियों को शामिल किया जा सकता है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक, यह इस प्रकार का एकमात्र टीका है जिसे चीन के राष्ट्रीय चिकित्सा उत्पाद प्रशासन ने स्वीकृति दी है। यह टीका हांगकांग और मुख्य चीन के बीच एक सामूहिक मिशन के तहत विकसित किया जा रहा है।

2021 के अंत तक आ सकता है चीन का नेजल स्प्रे टीका
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीके को विकसित करने में यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग, शियामेन यूनिवर्सिटी तथा बीजिंग वंताई बायलॉजिकल फार्मेसी के रिसर्चर्स शामिल हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के सूक्ष्म जीवविज्ञानी युएन क्वोक-युंग ने कहा कि यह टीका श्वसन प्रणाली में आने वाले वायरसों के प्राकृतिक संक्रमण मार्ग को प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करने के लिए उत्प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि नेजल स्प्रे के माध्यम से टीका लगाने से इन्फ्लुएंजा और कोरोना वायरस दोनों से सुरक्षा मिल सकती है। UN ने कहा कि टीके के तीनों क्लीनिकल परीक्षण पूरी तरह समाप्त होने में अभी कम से कम एक साल और लग जाएगा।

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