बीजिंग: चीन की सरकार ने देश के उत्तरी भाग में स्थित प्रसिद्ध गोल्डन लैंपस्टैंड चर्च को ध्वस्त कर दिया। चीनी सरकार द्वारा पिछले एक महीने में गिराया जाने वाला यह दूसरा चर्च है। चीन की इस कार्रवाई के बाद देश के ईसाई समुदाय को डर है कि कहीं उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर कैंपेन न चलाया जाए। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से गोल्डन लैंपस्टैंड समेत कई गैर सरकारी चर्चो की लोकप्रियता बढ़ रही थी जिससे प्रशासन चिंतित था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार और धार्मिक समूहों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। माना जा रहा है कि इसी के चलते चीन की सरकार ने इस चर्च को डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया। इसके बाद बचे चर्च के टुकड़ों को डिगर्स और हथौड़ों से तोड़ा गया। गोल्डन लैम्पस्टैंड चर्च का निर्माण लगभग 10 साल पहले पूरा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों और विदेशी कार्यकर्ता ने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों ने मंगलवार को लिनफेन शहर में गोल्डेन लैम्पस्टैंड चर्च को ध्वस्त कर दिया। आपको बता दें कि चीन में करीब 6 करोड़ ईसाई आबादी होने का अनुमान है।
चीन यूं तो कागजों पर अपने नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता देने का दावा करता है, लेकिन वहां का प्रशासन समय-समय पर धार्मिक रीति-रिवाजों को नियंत्रित करता रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सरकार ने कथित तौर पर शांग्जी राज्य में एक और चर्च को पिछले महीने ही ढहा दिया था। चीनी सरकार की इन्हीं कार्रवाइयों के चलते लोगों ने घरों के अंदर ही छोटे-छोटे चर्च बना लिए थे, लेकिन सरकार इन्हें लेकर भी सख्त रुख अपनाए हुए है।