बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज स्पष्ट तौर पर कहा कि देश की 20 लाख कर्मियों वाली शक्तिशाली सेना और सरकारी प्रतिष्ठान चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व के तहत काम करें। राष्ट्रपति शी को हाल ही में पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए दूसरी बार चुना गया है। हालांकि पिछले सप्ताह संविधान में हुए संशोधन के बाद वह अपने पूरे जीवन काल तक इस पद पर बने रह सकते हैं। संभावना है कि हालिया बदलावों के बाद शी राष्ट्रपति की भांती ही सीपीसी और सेना के प्रमुख भी बने रह सकते हैं। (शी का बड़ा बयान, चीन अपनी एक इंच ज़मीन भी नहीं छोड़ेगा )
चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांफ्रेंस( एनपीसी) केमौजूदा सत्र के अंतिम दिन अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ पार्टी राजनीतिक नेतृत्व में सर्वोच्च शक्ति है और चीनी राष्ट्र के कायाकल्प की मौलिक गारंटी भी।’’ शी ने पांच साल के अपने पहले कार्यकाल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार- निरोधी अभियान चलाया। इस दौरान करीब 100 से ज्यादा मंत्रियों सहित 15 लाख चीनी अधिकारियों को सजा दी गयी और उनके इस कदम ने उन्हें और शक्तिशाली बना दिया।
वर्ष 2013 में केन्द्रीय सैन्य आयोग( सीएमसी) के प्रमुख बनने के बाद से ही शी सेना को लगातार सीपीसी की बातों का कड़ाई से पालन करने और उसके मातहत काम करने को कह रहे हैं। चीन अपनी तरह का दुर्लभ देश है, जहां सेना एक पार्टी के मातहत काम करती है, सरकार के नहीं।