भारत द्वारा 59 चाइनीज़ एप्स बैन करने के बाद से चीन की बौखलाहट बढ़ गई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने आज भारत को धमकाते हुए कहा है कि वह अपने देश की कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कानूनी कदम उठाएगा। बता दें कि 29 जून को भारत सरकार ने देश में मौजूद 59 चाइनीज एप्स को बैन करने के आदेश दिए थे। इसमें टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे कई प्रमुख एप्स शामिल हैं। सरकार ने इसके पीछे का अहम कारण भारत से डेटा की चोरी को बताया था।
चीनी समाचार एजेंसी ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से खबर दी है कि चीन भारत में कामकाज कर रही अपने देश की कंपनियों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम जरूर उठाएगा। इससे पहले चीनी दूतावास की ओर से बयान जारी कर भारत सरकार के इस कदम पर गहरी चिंता और विरोध जताया गया था। चीनी दूतावास ने कहा कि ऐप्स की गतिविधियां संदिग्ध नहीं हैं। बयान में कहा गया कि 29 जून को भारत के इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री द्वारा संबंधित कानून और नियमों का हवाला देते हुए चीन के कुछ ऐप्स पर बैन लगा दिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि ये ऐप्स कुछ ऐसी गतिविधियों में संलग्न थे जिनसे देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरा था।
चीनी दूतावास ने भारत सरकार के इस फैसले को भेदभावपूर्ण बताया है और कहा है कि यह जमीनी हकीकत से बिल्कुल परे है। चीनी दूतावास ने अपने बयान में कहा कि भारत का यह रवैया अंतरराष्ट्रीय व्यापार और ई-कॉमर्स के सामान्य ट्रेंड के खिलाफ है। यह उपभोक्ताओं के लिए हितकर नहीं और न ही यह भारत में मार्केट कॉम्पीटिशन के लिए अच्छा है। संबंधित ऐप्स के भारत में बड़ी संख्या में यूजर्स हैं और ये ऐप पूरी तरह से भारतीय कानून और नियमों के मुताबिक ऑपरेट होते रहे हैं। ये ऐप्स भारतीय ग्राहकों और यूजर्स को काफी तेज और बढ़िया सर्विस मुहैया करा रहे थे। दूतावास की ओर से कहागया है कि इन ऐप्स पर बैन लगाने से न केवल यूजर्स प्रभावित होंगे बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार पर भी असर पड़ेगा क्योंकि काफी लोग इस रोजगार से जुड़े हैं।