बीजिंग: चीन ने नेपाल की 2 कम्युनिस्ट पार्टियों के विलय का स्वागत किया है और कहा है कि वह सामाजिक व्यवस्था के विकास के लिए नेपाल के विकल्पों का समर्थन करता है। इन कम्युनिस्ट पार्टियों में से एक का नेतृत्व प्रघानमंत्री केपी शर्मा ओली कर रहे थे जबकि दूसरे के नेता पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड थे। ओली की सत्तारूढ़ पार्टी CPN-UML और प्रचंड की CPN-माओइस्ट सेंटर का गुरुवार को विलय हो गया और अब उनका नाम नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी होगा। यह पार्टी देश की सबसे बड़ी वाम पार्टी होगी।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि नेपाल का अच्छा पड़ोसी और मित्र होने के नाते चीन सामाजिक व्यवस्था के लिए उसके विकल्प तथा विकास के रास्ते का समर्थन करता है। उन्होंने कहा,‘हमारी यह भी कामना है कि वे जल्दी राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को हासिल करें।’ दोनों दलों के बीच आठ माह पहले एकीकरण को लेकर शुरूआती सहमति बनी थी। वाम गठबंधन द्वारा पार्टी एकीककरण समन्वय समिति (PUCC) के पार्टी विलय के निर्णय को सहमति देने के बाद इसकी औपचारिक घोषणा की गई है।
दोनों दलों ने पिछले साल दिसंबर में हुए संसदीय एवं प्रांतीय चुनाव में 275 सदस्यीय संसद में 174 सीटें अर्जित की थीं। इस जनादेश के बाद कई लोगों का मानना था कि इससे नेपाल में बहु प्रतीक्षित राजनीतिक स्थिरता आएगी। इससे पहले ओली के बालुवतार में प्रधानमंत्री के सरकारी आवास में एकीकृत पार्टी की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के केन्द्रीय सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद ओली एवं प्रचंड ने एक दूसरे को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।