बीजिंग: चीन ने अमेरिका से दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर सावधानी से बोलने और कदम उठाने को कहा है। साथ ही कहा कि वह संबंधित देशों के साथ मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को यह टिपप्णी एक नियमित प्रेस ब्रीफिंग में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर के बयान पर की। उन्होंने सोमवार को दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर चिंता जताई थी।
हुआ ने कहा कि यह ध्यान रखने वाली बात है कि अमेरिका इस विवाद का हिस्सा नहीं है और चीन की दक्षिण चीन सागर के द्वीपों और उसके पानी पर निर्विवाद संप्रभुता रही है। चीन ²ढ़ता के साथ अपनी संप्रभुता और समुद्री अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
रिपोर्टों के अनुसार, स्पाइसर ने सोमवार को कहा था, "यदि ये द्वीप अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र का हिस्सा हैं तो वे चीन की संपत्ति नहीं हो सकते। हम अंतर्राष्ट्रीय भूभाग की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और इन्हें किसी एक देश द्वारा कब्जाने नहीं देंगे।"
हाल ही में अमेरिका ने चीन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि वह दक्षिण चीन सागर में अपने हितों की रक्षा करने के साथ ही एक देश के कब्जे को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र की रक्षा करेगा। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, मेरा मानना है कि दक्षिण चीन सागर के जो क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में आते हैं और अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में जिनका इस्तेमाल होता है वहां अमेरिका अपने हितों की रक्षा सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा, अगर उन द्वीपों का प्रश्न है जो वास्तव में अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में आते हैं और चीन का हिस्सा नहीं हैं तो यह सच है कि हम एक देश के कब्जे को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र की रक्षा करेंगे। वह नामित विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के हाल ही में दिए गए उस बयान के बारे में बोल रहे थे कि अमेरिका उन द्वीपों तक चीन की पहुंच को रोकेगा जो कि अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में आते हैं। उधर, चीन ने द्वीपों तक पहुंच रोकने के प्रयास पर अमेरिका को युद्ध की धमकी दी है।