बीजिंग: चीन के विदेशमंत्री वांग यि ने शनिवार को भारत के साथ अपने देश के रिश्ते को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनका देश भारत के साथ अच्छे पड़ोसी वाले रिश्ते और दोस्ती को हमेशा महत्व देता है लेकिन अपने ‘संप्रभु अधिकारों’, हितों और क्षेत्रीय अखंडता को बुलंद रखने पर दृढ़ है। वांग ने कहा कि चीन ‘संयम’ के साथ डोकलाम गतिरोध से निबटा और यह दर्शाता है कि वह भारत के साथ अपने रिश्तों को कितना महत्व देता है। चीनी विदेशमंत्री ने ‘चाइनीज इंटरनेशनल स्टडीज’ पत्रिका में प्रकाशित अपने लंबे लेख में प्रमुख देशों के साथ चीन के रिश्तों और अपनी कूटनीतिक पहलों की चर्चा की। पत्रिका का प्रकाशन चीनी विदेश मंत्रालय से जुड़े थिंक टैंक ‘चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ करता है।
उन्होंने भारत के साथ चीन के रिश्तों की चर्चा की और कहा कि भारत के साथ चीन के कूटनीतिक संवाद के चलते भारत ने डोकलाम से अपने सैनिक और उपकरण हटाए। डोकलाम पर चीन और भारत के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला। इसमें भूटान ने भी अपनी दावेदारी की। वांग ने कहा कि चीन भारत के साथ अच्छे पड़ोसी वाले रिश्ते और दोस्ती को हमेशा महत्व देता है क्योंकि ‘हम एक-दूसरे के बड़े पड़ोसी और प्राचीन संस्कृतियां हैं’। उन्होंने कहा, ‘हमने चीन के दोंग लोंग (डोकलाम) क्षेत्र में भारतीय सीमा सैनिकों की घुसपैठ का मुद्दा अपने राष्ट्रीय हित में, न्यायपूर्ण आधार पर और संयंम से निबटाया। कूटनीतिक माध्यम से हमने भारतीय पक्ष के साथ संवाद किया और उसने अपने उपकरण एवं कर्मी हटाए।’
चीनी विदेशमंत्री ने कहा, ‘यह दिखाता है कि हम भारत के साथ अपने रिश्तों को न सिर्फ महत्व और उनपर जोर देते हैं, बल्कि यह क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के प्रति हमारी ईमानदारी और जिम्मेदारी की भावना को भी प्रदर्शित करता है।’ गौरतलब है कि पिछले दिनों कुछ ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई थीं जिनमें चीन द्वारा डोकलाम क्षेत्र में कुछ निर्माण कार्य किया जा रहा था। इन तस्वीरों पर सवाल पूछे जाने पर चीनी विदेश विभाग ने कहा था कि डोकलाम उनका इलाका है और वे वहां बेहतरी के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं।