बीजिंग: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन में रविवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर और रिश्तों में सुधार के लिए उच्च स्तरीय संवाद की गति को तेज करने पर चर्चा की। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा स्वराज शनिवार को 4 दिन के दौरे पर यहां पहुंची हैं। द्विपक्षीय मुलाकात से पहले वांग ने बीजिंग स्थित दिआयुतई स्टेट गेस्ट हाउस में सुषमा की अगवानी की। वांग को पिछले महीने स्टेट काउंसिलर बनाया गया है जिसके बाद वह चीन के पदक्रम में शीर्षस्थ राजनयिक बन गए हैं। साथ ही वह विदेश मंत्री के पद पर भी बने हुए हैं। स्टेट काउंसिलर बनाए जाने के बाद वांग से सुषमा की यह पहली मुलाकात है।
मुलाकात के दौरान सुषमा ने वांग को स्टेट काउंसेलर बनाए जाने तथा भारत चीन सीमा वार्ताओं के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने पर बधाई दी। वांग ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय विकास हुआ है और दोनों देशों के नेताओं की देखरेख में इस साल एक सकारात्मक गति भी देखने को मिली है। उन्होंने कहा, ‘इस साल चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस के समापन की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक अत्यंत महत्वपूर्ण फोन कॉल मिला।’ वांग ने कहा कि इस कॉल ने दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया में सकारात्मक गति दी। उन्होंने कहा,‘ हमारे दोनों नेताओं ने विचारों का गहन आदान-प्रदान किया और चीन-भारत संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे।’
वांग ने कहा,‘SCO में भारत की सदस्यता ने संगठन की संभावनाओं और उसके प्रभाव को व्यापक किया है। साथ ही हमें भारत चीन सहयोग के लिए एक नया मंच भी मुहैया कराया है और मेरा मानना है कि भारत संगठन में सकारात्मक तथा उत्साहवर्द्धक योगदान देता रहेगा।’ इस मुलाकात से पहले आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं की मुलाकात, संबंधों को सुधारने के लिए उच्च स्तरीय संवाद को गति देने के दोनों देशों के प्रयासों का हिस्सा है। पिछले साल डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों ने तनाव घटाने तथा संबंधों को सुधारने के लिए विभिन्न स्तरों पर वार्ता सहित अपने प्रयास तेज किए हैं। सुषमा और वांग की मुलाकात से ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल तथा चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के शीर्ष अधिकारी यांग जिशी के बीच शंघाई में मुलाकात हुई थी।