बीजिंग: अमेरिका और चीन के बीच बीते कुछ महीनों से काफी तनाव है, और हाल ही में अमेरिकी नेवी द्वारा ताइवान स्ट्रेट और पारासेल द्वीप समूह के आसपास की गई गतिविधियों ने आग में घी का काम किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने दक्षिण चीन सागर में पारासेल द्वीप समूह के आसपास के अपने जलक्षेत्र में अमेरिकी पोत की घुसपैठ का आरोप लगाते हुए क्षेत्र में अमेरिकी नौसैन्य गतिविधि को लेकर दूसरी बार अपना विरोध दर्ज कराया है। इसके पहले बुधवार को भी चीन ने ताइवान स्ट्रेट में अमेरिकी जहाजों की गतिविधियों को उकसावे वाली कार्रवाई करार दिया था।
‘गैर पेशेवर है अमेरिकी नेवी की कार्रवाई’
चीन के दक्षिणी थियेटर कमान की ओर से दिए गए एक बयान में कहा गया है कि निर्देशित मिसाइल विनाशक पोत USS कर्टिस विल्बर ने गुरुवार को ‘अवैध’ कार्रवाई की जिसके बाद चीनी बलों को वहां भेजना पड़ा और उससे इलाके से बाहर जाने की मांग की गई। बयान में कहा गया कि अमेरिकी कार्रवाई ‘कृत्रिम रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा जोखिमों को बढ़ाती है और सागर में गलतफहमियों, गलत फैसलों और दुर्घटनाओं की आशंका पैदा करती है।’ इसने पोत के अभ्यास को ‘गैर पेशेवर और गैर जिम्मेदाराना’ बताते हुए कहा कि चीनी बल दक्षिण चीन सागर में शांति एवं स्थिरता बरकरार रखते हुए देश के संप्रभुता के दावों की रक्षा करने के लिए दृढ़ हैं।
चीन ने बुधवार को भी की थी शिकायत
अमेरिका समूचे दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को मान्यता देने से इनकार करता है और नियमित रूप से कथित नौवहन अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में नौवहन के अपने अधिकार की पुष्टि करता रहता है। चीन ने बुधवार को ताइवान स्ट्रेट से विल्बर के गुजरने को लेकर शिकायत जारी की। साथ ही इसे क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को जोखिम में डालने वाली उकसावे की कार्रवाई बताया। इस पर अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने कहा कि निर्देशित मिसाइल विध्वंसक यूएसएस कर्टिस विल्बर अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार मंगलवार को एक नियमित दौरे पर ताइवान स्ट्रेट से गुजरा। यह मार्ग ‘एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’