पेइचिंग: अगले महीने की यात्रा से पहले चीन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मोदी ने जैसे ही भारत की सत्ता संभाली, पूरा वैश्विक समुदाय भारत में दिलचस्पी दिखाने लगा। एशिया मामलों के उप-महानिदेशक हुआंग शिलिआन ने कहा, 'हम देख चुके हैं कि भारत ने आर्थिक विकास के मामले में नया मोमेंटम हासिल किया है।'
उन्होंने मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया का जिक्र करते हुए कहा कि 'मेड इन चाइना' और 'मेक इन इंडिया' साथ-साथ काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की नई सरकार कई तरह के सुधारवादी कदम उठाए हैं। हम इस नए मोमेंटम से खुश हैं और उम्मीद करते हैं कि भारत भविष्य में प्रगति करेगा और तेजी से विकास करेगा।
अगले महीने के तीसरे सप्ताह में होने वाले मोदी के चीन दौरे को लेकर भारतीय मीडिया से बातचीत में उन्होंने माना कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के समाधान की अच्छी संभावनाएं बन रही हैं। चीन ने कहा कि सीमा विवाद के समाधान की 'अच्छी संभावनाएं' हैं बशर्ते दोनों देश 'दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति' दिखाएं।
उन्होंने कहा, 'पेइचिंग की तमन्ना है कि भारत और चीन नेपाल और श्रीलंका के विकास के लिए 'पुल' की तरह काम करें ताकि एशिया के दो बड़े देशों के बीच रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता को कम हो और अलबत्ता दोनों के क्षेत्र में अपने-अपने रणनीतिक प्रभाव और मजबूत हों।'
हुआंग ने कहा, 'सीमा विवाद को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। दोनों नेताओं के राजनीतिक इच्छा शक्ति जितनी मजबूत होगी, सीमा विवाद के समाधान की संभावनाएं उतनी ही अच्छी होंगी।' उन्होंने कहा कि हाल में नई दिल्ली में विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुई बातचीत में प्रगति हुई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन यथा स्थिति के आधार पर सीमा विवाद का समाधान ढूंढने के लिए तैयार है, तो हुआंग ने कहा, 'हमें विश्वास है कि दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति के अनुसार दोनों प्रतिनिधि इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते रहेंगे।'
गौरतलब है कि चीन महज 2,000 कि.मी., जिसका ज्यादातर हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में है, पर ही सीमा विवाद मानता है लेकिन भारत की नजर में साल 1962 में चीन से जुड़े अक्साई चीन का एरिया मिलाकर इसका दायरा 4,000 कि.मी. का है। दोनों देशों के बीच 18 राउंड की वार्ता हो चुकी है और दोनों ही सीमा विवाद के समाधान की बहुत उम्मीद पाले हैं क्योंकि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, दोनों की ही छवि ऐसे मजबूत नेताओं की है जो समाधान का रास्ता ढूंढ सकें।