बीजिंग: डोकलाम से जवानों को हटाने की आपसी सहमति की भारत की घोषणा को तवज्जो नहीं देते हुए चीन ने सोमवार को दावा किया कि उसके जवान इलाके में अब भी गश्त कर रहे हैं। पड़ोसी देश की तरफ से कहा गया कि भारत ने सोमवार को अपने जवानों को वापस बुला लिया। हालांकि चीन इलाके में सड़क बनाने की अपनी योजना पर चुप रहा। सड़क बनाने की उसकी योजना के चलते ही सिक्किम के पास डोकलाम इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध की स्थिति बन गई थी। चीन ने कहा कि वह जमीनी स्थिति के साथ सामंजस्य स्थापित करेगा।
जवानों को हटाने की आपसी सहमति के संबंध में भारत का बयान सोशल मीडिया और चीनी पत्रकारों के बीच वायरल होने के बाद पड़ोसी देश के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने इस तरह की धारणा को खारिज करने का प्रयास किया कि बीजिंग ने अपनी गलती को मान लिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने अपने जवानों को वापस बुला लिया है। हुआ ने कहा कि 28 अगस्त की दोपहर में भारत ने घुसपैठ करने वाले सभी सैनिकों, संसाधनों को सीमा पर भारत की तरफ वापस बुला लिया। उन्होंने जवानों को वापस बुलाने के समझौते की भारत की घोषणा के बारे में सवालों को काटते हुए कहा, ‘मौके पर तैनात चीनी जवानों ने इसकी पुष्टि की है। चीनी पक्ष ऐतिहासिक समझौतों के अनुरूप अपनी संप्रभुता को कायम रखेगा, क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखेगा।’
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि चीन डोकलाम इलाके में लगातार गश्त कर रहा है। उन्होंने इन सवालों का जवाब भी नहीं दिया कि क्या दोनों देशों के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए कोई आपसी सहमति हुई है। हालांकि बार-बार सवाल पूछे जाने पर हुआ ने कहा, ‘मैं आपको बता सकती हूं कि चीन जमीनी हालात से सामंजस्य स्थापित करेगा।’ उन्होंने इसका अधिक ब्योरा नहीं दिया। क्या चीन, डोकलाम में सड़क निर्माण की अपनी योजना को आगे बढ़ाएगा, इस सवाल पर हुआ पूरी तरह चुप्पी साधे रहीं। दोनों देशों के बीच गतिरोध की यही मुख्य वजह थी। भारत चाहता था कि उसके सैनिकों की वापसी से पहले वहां यथास्थिति बहाल की जाए। इलाके पर संप्रभुता का दावा करने वाले पड़ोसी देश भूटान ने 28 जून को चीन के साथ कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया था।
चीन और भारत के जवानों के बीच 16 जून को गतिरोध की स्थिति पैदा हो गई थी। तब भारत के सैनिकों ने चीन की सेना को विवादित क्षेत्र में सड़क बनाने से रोक दिया था। यह घटनाक्रम 3 से 5 सितंबर तक होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले हुआ है जो चीन के शियानमेन में आयोजित किया जाएगा। अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत 5 देशों के इस समूह के किसी नेता ने अपनी चीन यात्रा की घोषणा नहीं की है।