बीजिंग: चीन ने आज कहा है कि अमेरिका को उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता को व्यापार से नहीं जोड़ना चाहिए। चीन ने यह प्रतिक्रिया अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस आरोप के बाद दी है कि चीन अमेरिका के साथ व्यापार में मुनाफा कमाने के बावजूद प्योंगयांग के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहा। चीन के उपवाणिज्य मंत्री कियान केमिंग ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमें लगता है कि उत्तर कोरिया परमाणु मामला और चीन-अमेरिका व्यापार दो पूरी तरह अलग क्षेत्रों के दो अलग-अलग मामले हैं। इनका आपस में कोई संबंध नहीं है और इनपर एकसाथ चर्चा नहीं की जानी चाहिए। (उ. कोरिया के ख़िलाफ़ अमेरिका, जापान, साउथ कोरिया हुए लामबंद, ये है हमले का प्लान)
उन्होंने कहा, सामान्य रूप से, पारस्परिक निवेश सहित चीन-अमेरिका व्यापार पारस्परिक रूप से लाभदायक है और द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश सहयोग से चीन और अमेरिका दोनों को काफी लाभ हुआ है। यह बयान ट्रंप की ओर से शनिवार को किए उन ट्वीट के जवाब में आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अब चीन को उत्तर कोरिया मामले में चुप बैठे रहने की अनुमति नहीं देंगे। उत्तर कोरिया के एक नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपित करने के बाद ट्रंप ने यह ट्वीट किया था।
ट्रंप ने चीन से कई बार उसके पड़ोसी देश पर लगाम कसने की अपील की है लेकिन बीजिंग ने वार्ता को व्यवहारिक तरीके से ही किए जाने पर जोर दिया है। ट्रंप ने दो ट्वीट में कहा था, मैं चीन से बेहद निराश हूं। पूर्व के हमारे मूर्ख नेताओं ने एक साल के व्यापार में उन्हें सैंकड़ों अरब डॉलर कमाने दिए। फिर भी वह चीन उत्तर कोरिया के मसले पर हमारे साथ मिलकर बातों के अलावा कुछ नहीं करता। अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा, हम ऐसा जारी नहीं रहने देंगे। चीन इस समस्या को आसानी से सुलझा सकता था।