बीजिंग: भारत और चीन के बीच हुए डोकलाम विवाद के बाद चीनी सेना की तैयारियों में एक बदलाव देखने को मिल रहा है। दरअसल, चीन की सेना की सभी शाखाओं ने डोकलाम प्रकरण के बाद पठार क्षेत्र में प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश के भीतर और विदेश में सैन्य अभ्यास बढ़ा दिए हैं। इस बात की जानकारी चीन की आधिकारिक मीडिया ने दी है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) थल सेना, नौसेना, रॉकेट (मिसाइल) बल और सशस्त्र पुलिस के साथ देश एवं विदेश में अभ्यास कर राष्ट्रपति शी चिनफिंग के 3 जनवरी को दिए सैन्य प्रशिक्षण के निर्देशों को क्रियान्वित कर रही है।
सेना के आधिकारिक दैनिक मुखपत्र ‘PLA डेली’ ने कहा कि रडार में न आने वाले G-20 सेनानी विमान, Y-20 परिवहन विमान, H-6 के बमवर्षक और J-16, J-11B J-10C सैन्य विमान सहित चीन के सबसे विकसित विमान वर्ष 2018 की शुरुआत से ही अभ्यास कर रहे हैं। ‘पठार क्षेत्र’ से यहां अभिप्राय तिब्बती पठार से है जो भारत और चीन के बीच लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को कवर करता है। खास बात यह है कि कई चीनी विशेषज्ञ डोकलाम के बाद भारत को अब कहीं से भी कमजोर मुल्क नहीं मान रहे हैं।
सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने PLA के एक सेवानिवृत्त अधिकारी (जिसने नाम उजागर न करने की शर्त पर जानकारी दी) के हवाले से कहा, ‘सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय थल सैनिकों की संख्या अधिक है, जिसका युद्ध होने पर उन्हें कुछ फायदा मिलेगा। चीन की नौसेना को आसमान में अपना प्रभुत्व बनाने और तत्काल चीन को लाभ की स्थिति में लाने की आवश्यकता है। इसलिए पठार क्षेत्र में सैन्य अभ्यास बढ़ाना बेहद आवश्यक है।’ इससे पहले भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर गतिरोध 73 दिनों तक चलने के बाद 28 अगस्त को थमा था।