बीजिंग: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने तिब्बत और सीमावर्ती इलाकों का पिछले सप्ताह दौरा किया। उन्होंने देश के सर्वांगीण विकास के लिये क्षेत्र की सुरक्षा एवं स्थिरता पर जोर दिया। आधिकारिक मीडिया में यहां आई खबर में यह जानकारी दी गई है। चीन के शीर्ष नेता एवं अधिकारी तिब्बत का सालाना दौरा करते हैं, लेकिन चीनी विदेश मंत्री का इस क्षेत्र का दौरा कभी-कभार ही करते हैं। वांग, देश में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के स्टेट काउंसलर भी हैं।
उन्होंने शुक्रवार को तिब्बत की कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव वु यिंगजी और तिब्बत क्षेत्रीय सरकार के अध्यक्ष छिझाला तथा अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। वांग को उद्धृत करते हुए स्थानीय तिब्बत डेली में प्रकाशित खबर के हवाले से ग्लोबल टाइमस ने कहा है कि चीन के सर्वांगीण विकास के लिये क्षेत्र की सुरक्षा एवं स्थिरता महत्वपूर्ण है।
वांग ने गरीबी उन्मूलन और बुनियादी ढांचे के निर्माण की स्थिति के बारे में जानने के लिये सीमावर्ती इलाकों का भी दौरा किया। खबर में कहा गया है कि वांग हर साल चीन के कई क्षेत्रों में विशेष अनुसंधान दौरे पर जाते हैं। वांग ने कहा कि सरकार क्षेत्रीय स्थिरता, चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये और तिब्बत को खोलने तथा बाहरी दुनिया के साथ सहयोग के लिये, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिये तिब्बत में लोगों के साथ काम करेगी।
वांग ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय स्थिति, संभवत चीन-अमेरिका कूटनीतिक, राजनीतिक एवं व्यापार तनाव का भी जिक्र किया, जिसने हाल के हफ्तों में दोनों देशों के संबंधों को और ज्यादा खराब कर दिया है। उल्लेखनीय है कि चीन ने अमेरिका को तिब्बत के नजदीक स्थित चेंगदु में वाणिज्यिक दूतावास बंद करने को कहा था, जिसके जवाब में अमेरिका ने ह्यूस्टन में उसका वाणिज्यिक दूतावास बंद करा दिया।
वांग ने चीन की कूटनीतिक कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा कि तिब्बत ने बाहरी सहयोग एवं बेल्ट एंड रोड इनिश्एटिव (बीआरआई) के तहत परियोजनाओं में शामिल हो कर आर्थिक विकास, क्षेत्र की स्थिरता और सीमावर्ती इलाकों के विकास में बड़ी कामयाबी हासिल की है। चीन, तिब्बत में सीमावर्ती बुनियादी ढांच को मजबूत कर रहा है। तिब्बत की सीमा नेपाल से लगती है। काठमांडू ने बीआरआई पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत बीजिंग ने बुनियादी ढांचे की कई परियोजनाएं शुरू की हैं जिनमें तिब्बत से होकर गुजरने वाले ‘ट्रांस हिमालयी बहुआयमी संपर्क नेटवर्क ’ का निर्माण भी शामिल है।