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अमेरिका ने लगाया धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन का आरोप, चीन ने किया पलटवार

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन निराधार आरोपों का जोरदार विरोध करता है क्योंकि इससे देश की धार्मिक स्वतंत्रता को बदनाम किया जा रहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 18, 2021 19:16 IST
China Religious Freedom, China Religious Freedom Violation, China Blacklist- India TV Hindi
Image Source : FMPRC.GOV.CN अमेरिका के आरोपों को खारिज करते हुए चीन ने कहा कि उसे अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।

Highlights

  • अमेरिका ने कई देशों को ‘धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए चिंता वाले देशों की श्रेणी’ में रखा था।
  • चीन ने कहा कि उसके देश के लोग धार्मिक स्वतत्रंता का पूरा लाभ उठाते हैं।
  • चीन ने कहा कि अमेरिका को दूसरे देशों में हस्तक्षेप के लिए धार्मिक मुद्दे उठाने से बचना चाहिए।

बीजिंग: अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के साथ ही चीन को भी धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए ‘चिंता वाले देशों की श्रेणी’ में रखे जाने को लेकर गुरुवार को 'ड्रैगन' ने उसकी आलोचना की। चीन ने साथ ही अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह दूसरे देशों के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए प्राय: धार्मिक मुद्दों का उपयोग करता है। अमेरिका ने बुधवार को चीन, पाकिस्तान, ईरान, उत्तर कोरिया और म्यांमार सहित कई देशों को ‘धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए चिंता वाले देशों की श्रेणी’ में रखा था।

‘देश की धार्मिक स्वतंत्रता को बदनाम किया जा रहा’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग मीडिया से कहा कि चीन निराधार आरोपों का जोरदार विरोध करता है क्योंकि इससे देश की धार्मिक स्वतंत्रता को बदनाम किया जा रहा है। अमेरिकी आरोपों के बारे में पूछने पर झाओ ने कहा, ‘चीन की सरकार कानून के मुताबिक नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करती है।’ उन्होंने कहा कि चीन में करीब 20 करोड़ धार्मिक मतों को मानने वाले लोग हैं, 3.80 लाख से अधिक धार्मिक कर्मचारी हैं, 5500 धार्मिक समूह हैं और धार्मिक गतिविधियों के लिए 1.40 लाख से अधिक स्थान हैं।

‘अमेरिका को अपनी गिरेबान में झांकना चाहिए’
झाओ लिजियान ने कहा, ‘चीन के लोग धार्मिक स्वतत्रंता का पूरा लाभ उठाते हैं। शब्दों से ज्यादा तथ्य इसे बताते करते हैं और किसी झूठ को हजार बार दोहराने पर भी वह झूठ ही रहता है।’ झाओ ने कहा कि अमेरिका को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए और दूसरे देशों में हस्तक्षेप के लिए धार्मिक मुद्दे उठाने से बचना चाहिए। बता दें कि अमेरिका ने ऐसे 10 देशों की लिस्ट में, जहां लोगों की धार्मिक स्‍वतंत्रता चिंताजनक है, बर्मा (म्यांमार), चीन, इरिट्रिया, ईरान,  नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को शामिल किया था।

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