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नहीं सुधर रहा चीन! भारत के साथ सैन्य गतिरोध के बीच जानबूझकर किया ये काम

चीन ने पिछले कुछ सालों में अपने सीमा संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। उसने हवाई, रेल और सड़क नेटवर्क का विस्तार किया है। उसने तिब्बत में बुलेट ट्रेन की शुरुआत भी की है जिसके मार्ग का निर्माण अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती कस्बे नींगची तक किया गया है। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 25, 2021 8:06 IST
China passes new land border law amid tension with india at ladakh and arunachal pradesh नहीं सुधर र- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE) नहीं सुधर रहा चीन! भारत के साथ सैन्य गतिरोध के बीच जानबूझकर किया ये काम

बीजिंग. देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को ‘पवित्र और अक्षुण्ण’ बताते हुए चीन की संसद ने सीमावर्ती इलाकों के संरक्षण और उपयोग संबंधी एक नया कानून अपनाया है जिसका असर भारत के साथ बीजिंग के सीमा विवाद पर पड़ सकता है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति के सदस्यों ने शनिवार को संसद की समापन बैठक के दौरान इस कानून को मंजूरी दी। यह कानून अगले वर्ष एक जनवरी से प्रभाव में आएगा।

इसके मुताबिक, "पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता पावन और अक्षुण्ण है।"

खबर में कहा गया कि देश क्षेत्रीय अखंडता और जमीनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए तथा जमीनी सीमाओं और क्षेत्रीय संप्रभुता को कमतर करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ कदम उठाएगा। शिन्हुआ के मुताबिक कानून में यह भी कहा गया है कि सीमा सुरक्षा को मजबूत करने, आर्थिक एवं सामाजिक विकास में मदद देने, सीमावर्ती क्षेत्रों को खोलने, ऐसे क्षेत्रों में जनसेवा और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने, उसे बढ़ावा देने और वहां के लोगों के जीवन एवं कार्य में मदद देने के लिए देश कदम उठा सकता है। वह सीमाओं पर रक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक विकास में समन्वय को बढ़ावा देने के लिए उपाय कर सकता है।

कानून के अनुसार देश समानता, परस्पर विश्वास और मित्रतापूर्ण वार्तालाप के सिद्धांतों का पालन करते हुए पड़ोसी देशों के साथ जमीनी सीमा संबंधी मुद्दों से निबटेगा और काफी समय से लंबित सीमा संबंधी मुद्दों और विवादों को उचित समाधान के लिए वार्ता का सहारा लेगा। इसमें कहा गया है कि चीनी सेना अभ्यास करके और हमलों, अतिक्रमण, उकसावे एवं अन्य गतिविधियों को दृढ़ता से रोकने के लिए सीमा पर अपना कर्तव्य निभाएगी।

चीन ने पिछले कुछ सालों में अपने सीमा संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। उसने हवाई, रेल और सड़क नेटवर्क का विस्तार किया है। उसने तिब्बत में बुलेट ट्रेन की शुरुआत भी की है जिसके मार्ग का निर्माण अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती कस्बे नींगची तक किया गया है। नये कानून में सीमाओं पर व्यापार क्षेत्रों की स्थापना तथा सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव है। बीजिंग ने अपने 12 पड़ोसियों के साथ तो सीमा संबंधी विवाद सुलझा लिए हैं लेकिन भारत और भूटान के साथ उसने अब तक सीमा संबंधी समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया है।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 3,488 किलोमीटर के क्षेत्र में है जबकि भूटान के साथ चीन का विवाद 400 किलोमीटर की सीमा पर है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पिछले सप्ताह कहा था कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर घटनाक्रमों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और जाहिर तौर पर इसका व्यापक रिश्तों पर भी असर पड़ा है। (Bhasha)

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